आपदा में अवसर: एयरपोर्ट से नोएडा तक टैक्सी का किराया 10 हज़ार लेंगे योगी



विदेश में फंसे भारतीय लोगों को भारत आने के बाद दिल्ली हवाई अड्डे से उनके घर पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) अपनी मदद देने को आगे आया है। यूपीएसआरटीसी ने कहा है कि हम विदेशों से आये लोगों की यात्रा सुखद बनाने के लिए अपनी सेडान टैक्सी 10 हज़ार रुपये में और एसयूवी 12 हज़ार रुपये में किराये पर देंगे। साथ ही ये भी बताया है कि यह किराया 250 किलोमीटर के दायरे के लिए है। उसके आगे की यात्रा करने पर सेडान में 40 रुपए और एसयूवी में 50 रुपए प्रति किलोमीटर एक्स्ट्रा किराया लिया जायेगा। ड्राइवर के साथ टैक्सी में और सिर्फ़ दो ही लोगों के बैठने की सुविधा होगी। ये सुविधा नोएडा और गाज़ियाबाद और इनके पास के क्षेत्रों के लिए उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही ये भी कहा गया है कि यात्रा के लिए वो ही लोग मान्य होंगे, जिनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं हैं और दिल्ली सरकार उन्हें मंजूरी दे देगी।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों द्वारा भी लोगों को घर पहुंचाने के लिए किराया तय किया  है। जिन बसों में एसी नहीं है उनका किराया एक हज़ार रुपए होगा और जिन बसों में एसी है उनका किराया 1320 रुपए होगा। कोरोना संक्रमण से बचाव को देखते हुए इन बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जायेगा। जिसके कारण अधिकतम 26 लोगों को बस में यात्रा करायी जाएगी। बता दें कि भारत सरकार द्वारा वंदे भारत अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें विदेशों में फंसे भारतीय लोगों को भारत वापस लाया जा रहा है। इन सब का हवाई अड्डे पर ही स्वास्थ्य परीक्षण होता है। फ़िर 14 दिन के लिए इन्हें क्वारंटीन किया जाता है। इसके बाद ही भारत वापस लाए गए ये लोग अपने घरों को जा सकते हैं।

आम दिनों में हवाई अड्डे जाने और आने में कैब का किराया बहुत कम होता है

आम दिनों में कैब द्वारा नोएडा, गाज़ियाबाद से दिल्ली हवाई अड्डे तक जाने में 700 से 1000 रुपये तक लगता है। इस वक्त कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोग अपने घरों से दूर अन्य राज्यों और विदेशों में भी फंसे हुए हैं। उनको घर तक पहुंचाने के लिए सरकार कुछ न कुछ करने की कोशिश कर रही है। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में कैब कम्पनियों की टैक्सी बंद हैं। जिसकी वजह से यूपीएसआरटीसी ने लोगों के लिए ये कैब और बस सुविधाएं शुरू की हैं।

सवाल ये है कि योगी सरकार क्या कोई कारोबारी कंपनी है क्या जो इस तरह मौके का फायदा उठा रही है। वो भी उनसे जो इस कोरोना काल में न जाने कितने मानसिक दबावों के बाद भारत लौट रहे हैं।


 

 


Related