कहानियां उम्मीद की- मां ने भूखे बच्चों के लिए ‘पत्थर’ उबाले, तो पूरा देश मदद को साथ आ गया

आदर्श तिवारी
Corona Published On :


कोरोना महामारी का कहर वैश्विक स्तर पर फ़ैला हुआ है। लोगों के पास बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर भोजन तक की समस्या उत्पन्न हो गयी है। ऐसे में  ही उम्मीद की एक मार्मिक कहानी केन्या के मोम्बासा से है। जहाँ एक 45 वर्षीय महिला के पास अपने बच्चों के लिए भोजन नहीं था तो उसने बच्चों को बहलाने के लिए बर्तन में पत्थर उबलने के लिए रख दिए ताकि उनके बच्चों को लगे कि खाना पक रहा है और वो खाना पकने के इंतजार में सो जाएं। महिला का नाम पेनिना है, आठ बच्चों की माँ पेनिना निरक्षर और विधवा हैं। वो अभी तक तो लोगों के कपडे धोकर गुज़ारा करती थीं लेकिन कोरोना वायरस के चलते उनका ये काम बंद पड़ गया है, जिसकी वजह से उनके पास न ही गुज़ारे के लिए कोई राशि है न ही भोजन। उनके पति, स्थानीय मजदूर थे लेकिन 2019 में लुटेरों ने उनकी हत्या कर दी। इसके बाद से पेनिना ही परिवार की कर्ता-धर्ता हैं।

www.tuko.co.ke से साभार

इन हालात में, पेनिना अपने बच्चों को भोजन नहीं दे पा रही थीं। पेनिना के बच्चों में से एक को पता चल गया कि माँ पत्थर उबाल रही हैं और वो रोने लगा। पेनिना ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बताया, “ऐसे ही एक दिन, जब मैं अपने बच्चों को पत्थर उबलने रख कर बहला रही थी, वो रात को अचानक नींद से जाग गए। उनमें से एक ने ये देख लिया और मुझसे कहा कि मैं उनसे झूठ बोलती हूं और भोजन की जगह पत्थर उबाल रही हूं।

पेनिना की एक पड़ोसी प्रिस्का मोमानी को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने आगे आकर पेनिना और उनके बच्चों की मदद करने की ज़िम्मेदारी उठाई। मामला मीडिया के पास पहुंचा, एक कीनियाई वेबसाइट ने इस ख़बर को प्रकाशित किया और सोशल मीडिया पर पेनिना का दर्द वायरल होने लगा। प्रिस्का के इस क़दम से पेनिना और उनके बच्चों के लिए भोजन के अलावा आर्थिक मदद की भी व्यवस्था हो गयी। साथ ही पेनिना के पास पहली बार लोगों की मदद से खुद का एक मोबाइल और बैंक अकाउंट भी हो गया है।

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सोशल मीडिया पर ये कहानी पेनिना के बारे में पता चलने पर केन्या के बहुत से लोग पेनिना के पहले बैंक अकाउंट में आर्थिक मदद कर रहे हैं। लोगों द्वारा अपनी मदद देखकर पेनिना आश्चर्यचकित हैं और केन्या के लोगों का आभार जताते हुए कहती हैं, ये सब एक चमत्कार की तरह है। मेरे पति की मृत्यु जून 2019 में हुई थी। उसके बाद से मैं अब तक अपने बच्चों को तीन समय का भोजन नहीं दे पा रही थी लेकिन केन्या के लोगों की इस अविश्वसनीय मदद ने मेरे बच्चों के लिए अब तीन समय का भोजन संभव कर दिया है। ये सब मेरी कल्पना से परे है। मैं पूरे देश से फ़ोन कॉल्स रिसीव कर रही हूँ। हर कोई मेरी मदद करने का तरीका पूछ रहा है।”

पेनिना की शुरूआती मदद के साथ ही लोगों से मदद के लिए आग्रह करने वाले प्रिस्का मोमानी ने बताया कि जब मुझे इस बारे में पता चला कि पेनिना ने भोजन न उपलब्ध होने की वजह से अपने 8 बच्चों को बहलाने के लिए पत्थर पकाया है तब मुझे बहुत बुरा महसूस हुआ और मैंने पेनिना की मदद करने के लिए सोशल मीडिया से मदद मांगी। पेनिना की मदद में सोशल मीडिया ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पूरे देश से लोग पेनिना की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। पेनिना के 13 साल के बेटे ने भी लोगों से मिली इस मदद के बाद कहा, “मैं भविष्य में मैकेनिक बनना चाहता हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि कोई आगे आकर मुझे स्कूल भी भेजेगा ताकि मैं भी इस स्थिति में पहुँच सकूँ कि किसी ज़रूरतमंद की मदद कर पाऊं।”


ये स्टोरी केन्या की न्यूज़ वेबसाइट टुको न्यूज़ (www.tuko.co.ke) पर उनकी संवाददाता कैरोलीन म्वावासी द्वारा की गयी है। जहाँ से मीडिया विजिल द्वारा हिंदी में आपको उपलब्ध करवाई जा रही है। इस स्टोरी में इस्तेमाल तस्वीरें भी टुको न्यूज़ वेबसाइट से ही ली गयी हैं।

कोरोना से जूझ रही दुनिया, इस समय महज ख़ौफ़ में नहीं है, वो अपने अंदर के डर से लड़ भी रही है। इस दौर में हमारे पास तमाम ऐसी कहानियां निकल कर आ रही हैं, जहां कई ऐसे लोग हैं – जो असली हीरो के तौर पर सामने आए हैं। लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, अपनी जान की परवाह न कर के भी किसी और की जान बचा रहे हैं। दरअसल मुश्किल वक़्त ही हमारे असल किरदार को सामने लाता है। हम ऐसी ही कहानियां, आप तक नियमित लाएंगे, जो हैं ‘कहानियां उम्मीद की’…

अगर आपके पास भी ऐसी कोई कहानी है, तो हमें mediavigilindia@gmail.com पर..हमें आपके हीरो से मुलाक़ात का इंतज़ार रहेगा।


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