दिल्ली सरकार द्वारा 100 फीसदी वित्तीय सहायता प्राप्त दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन कॉलेजों में वेतन न दिये जाने को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स असोसिएशन (डूटा) ने मंगलवार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक एकदिवसीय भूख हड़ताल की, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यापकों ने व्यापक हिस्सेदारी की।
बताया जा रहा है कि पिछले काफ़ी वक़्त से दिल्ली सरकार द्वारा पूर्ण वित्तीय सहयोग प्राप्त कॉलेजों और गवर्निंग बॉडी के बीच तनातनी बनी हुई है, जिसकी वजह से केजरीवाल सरकार फंड नहीं जारी कर रही है। इस कारण इन कॉलेजों में वित्तीय समस्या बनी हुई है और इन कॉलेजों-संस्थानों में काम करने वाले अध्यापकों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। लंबे समय से दिल्ली सरकार द्वारा फंड न मिलने से इन कॉलेजों में जनवरी के बाद से ज़्यादा दिक्कतें आ गयी थीं। आंबेडकर कॉलेज, केशव महाविद्यालय और शहीद राजगुरु कॉलेज में पढ़ाने वाले अध्यापकों का मार्च महीने वेतन भी नहीं मिल पाया है। कहा जा रहा है कि अगर केजरीवाल सरकार ने अभी भी फंड जारी नहीं किये तो दिल्ली सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त सभी 12 कॉलेजों में यह समस्या पैदा हो जायेगी और अध्यापकों को वेतन नहीं मिल पायेगा।
दिल्ली विश्विद्यालय के रामजस कॉलेज में एडहॉक शिक्षक प्रकाश उप्रेती ने हमसे बातचीत में कहा कि “आपसी राजनीति के चलते दिल्ली सरकार ने कॉलेजों की फंड रोक रखी है, यह ठीक नहीं है। कोरोना महामारी के चलते जिस दौर में हम पहले ही अलग-अलग परेशानियों से जूझ रहे हैं, इस बीच वित्तीय सहायता रोके देने से पारिवारिक ढांचे पर भी असर पड़ता है। वेतन न मिलने से अध्यापकों के लिए घर चलाना तो मुश्किल हो ही रहा है, उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। आर्थिक तौर पर जब आपके साथ ऐसा व्यवहार किया जायेगा तो शैक्षणिक कार्यों पर अध्यापक कैसे ध्यान केंद्रित कर पायेंगे? दिल्ली विश्वविद्यालय जैसी यूनिवर्सिटी के कॉलेजों के सामने तो ऐसी स्थितियां पैदा ही नहीं होनी चाहिए, जिससे अकादमिक माहौल उन्मुक्त बना रहे और खुली मानसिकता के साथ खुले वातावरण में बिना किसी दबाव के शैक्षणिक कार्य जारी रहे। इसीलिए डूटा ने सभी अध्यापकों से घर पर रहकर मंगलवार को भूख हड़ताल करने का आह्वान किया और मांग की, कि दिल्ली सरकार द्वारा 100 फीसदी वित्तीय सहायता प्राप्त सभी 12 कॉलेजों में वित्तीय सहायता केजरीवाल सरकार सुनिश्चित करे और जिन 3 कॉलेजों में अध्यापकों को मार्च महीने वेतन नहीं मिला है, वह भी तुरंत दिया जाये। हम दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक भूख हड़ताल करते हुए दिल्ली सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस वित्तीय समस्या को जल्द-से-जल्द सुलझाया जाये।”
भूख हड़ताल के अलावा शिक्षक मामले पर दिल्ली सरकार का ध्यान खींचने के लिए ट्विटर पर#DelhiGovtReleaseGrants और #Employees_go_without_salaries हैशटैग के साथ अभियान के तहत लिखकर मांग उठा रहे हैं और विरोध दर्ज करा रहे हैं.
#DUTA#DelhiGovtReleaseGrants#Employees_go_without_salaries 3 DU colleges have not paid salaries for March. Twelve 100% Delhi Govt funded DU colleges will not be able to pay salaries from April onwards! Unacceptable, criminal in the face of pandemic. Teachers on Hunger Strike! pic.twitter.com/XP6w6N2clu
— Abha Dev Habib (@ADH05748232) April 28, 2020
मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर जीतेंद्र पृथ्वी मीणा ने अपने फेसबुक पर लिखा, “साथियों, दिल्ली सरकार ने पिछले सालभर से BJP के साथ अपनी राजनैतिक लड़ाई में डीयू के कॉलेजों अखाड़ा बना दिया हैं कई कई महीनो तक वेतन रोक दिया जाना आम बात हो गई है। इसी कड़ी में आज डूटा ने एक दिवसीय भूख हड़ताल करने का फैंसला किया हैं और डूटा की मांग है कि तुरंत शिक्षकों और कर्मचारियों का ग्रांट जारी की जाए।#DelhiGovtReleaseGrants #Employees_go_without_salaries“
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 12 कॉलेजों को दिल्ली सरकार 100 फीसदी वित्तीय सहायता करती है। इनमें इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, शहीद राजगुरु, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ़ बिजनेस स्टडीज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज,डॉ भीम राव आंबेडकर कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, केशव महाविद्यालय,महाराजा अग्रसेन कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, महर्षि बाल्मीकि कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन और भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज हैं। इसके अलावा, 16 अन्य कॉलेज ऐसे हैं जो दिल्ली सरकार द्वारा आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त हैं।