डूटा ने पीएम केयर्स फंड में दान देने पर किया सवाल
दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ने एक पत्र लिखकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने स्टाफ़ द्वारा दान करने के लिए एकत्रित की गयी 4 करोंड़ रुपये से अधिक की राशि को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के बजाय पीएम केयर्स फण्ड में ट्रांसफ़र कर दिया। कुलपति योगेश त्यागी को लिखे पत्र में लिखा है कि “डीयू के रजिस्ट्रार ने विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों से आग्रह किया था कि वो अपने मार्च 2020 महीने के वेतन में से एक दिन का वेतन कुलपति के राहत कोष में दान करें, जहाँ से वो धन प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दिया जाएगा।” पत्र में ये भी लिखा है कि “आपकी तरफ़ से एलुमनाई को जो पत्र भेजा गया था उसमें लिखा है कि हमारे द्वारा एकत्रित की गयी राशि को पीएम केयर्स फंड में दिया गया है बजाय प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में देने के, जो हमारे लिए चौंकाने वाली बात है।”
वीसी पर एकतरफ़ा निर्णय लेने का लगाया आरोप
डूटा द्वारा लिखे पत्र में कुलपति के एलुमनाई को भेजे गए जिस पत्र की बात की गयी है उसमें लिखा है कि “विश्वविद्यालय ने देश की सेवा के लिए ये फ़ैसला लिया है। विश्वविद्यालय के सभी विभागों और संबद्ध कॉलेजों के सभी कर्मचारियों के एक दिन के वेतन का योगदान पीएम केयर्स फंड में दे दिया गया है। ये रकम चार करोंड़ से अधिक है। आने वाले समय में हम और भी मदद का इरादा रखते हैं” डूटा का कहना है कि इस राष्ट्रीय समस्या के समय हम सभी मिलकर राष्ट्र के लिए लगातार मदद करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कुलपति योगेश त्यागी द्वारा हम सबका योगदान प्रधानमंत्री पराष्ट्रीय राहत कोष में न देकर पीएम केयर्स फंड में दिए जाने का एकतरफ़ा निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन और सभी कर्मचारियों के बीच का विश्वास तोड़ता है।
रजिस्ट्रार के आग्रह के बाद, 4 करोंड़ से अधिक राशि एकत्रित हुई थी
29 मार्च 2020 को रजिस्ट्रार द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा था कि “आप सभी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से ये आग्रह है कि आप अपने एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में स्वैच्छिक दान करें।” रजिस्ट्रार ने ये आग्रह यूजीसी के द्वारा भेजे गए एक पत्र के बाद किया था। यूजीसी ने अपने पत्र में विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान देने की बात कही थी। 28 मार्च 2020 को ही पीएम केयर्स फंड बना था। हालाँकि इसमें काम नहीं शुरू हुआ था और इसी दिन यूजीसी ने भी अपना पत्र जारी किया था।
पीएम केयर्स फंड में पारदर्शिता की कमी का है आरोप
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष 1948 में बना था, जिसका उपयोग देश में हो रही समस्याओं से निपटने के लिए किया जाता है, लेकिन इस समय बने पीएम केयर्स फंड पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों ने पीएमनआरएफ में दान करवाने के बजाय पीएम केयर्स फंड में दान करवाए जाने को सही नहीं ठहराया है। विपक्ष और लोगों ने इस पीएम केयर्स फंड में पारदर्शिता की कमी का मुद्दा उठाया है।