कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण बनी संकट की स्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर आज देश में सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक ‘जनता कर्फ्यू’ जारी है. जनता कर्फ्यू को देश भर से खूब समर्थन मिला इस दौरान पूरे देश में सन्नाटा रहा. इस दौरान रेल, बस सुविधाओं को भी बंद कर दिया गया.
भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 80 नए मामले सामने आए हैं. अब तक देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 348 हो गई है. इसमें सबसे खराब हालात महाराष्ट्र के हैं, जहां अभी तक 74 मामले सामने आए हैं. उधर बिहार में भी एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.
#WATCH Live: Union Health Ministry briefs the media on #CoronavirusPandemic, on 22nd March. https://t.co/lkPAudsFHi
— ANI (@ANI) March 22, 2020
खतरे को देखते हुए भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लेते हुए 31 मार्च तक सभी तरह की पैसेंजर ट्रेनें कैंसिल करने का फैसला किया है. दिल्ली मेट्रो, मुंबई लोकल और अंतरराज्यीय बस सेवाएं बंद कर दी हैं. रेलवे ने बताया है कि सभी लंबी दूरी की ट्रेनें, एक्सप्रेस और इंटरसिटी ट्रेन (प्रीमियम ट्रेन भी शामिल) का परिचालन 31 मार्च की रात 12 बजे तक बंद रहेगा. इससे पहले रेल्वे ने 22 मार्च को रात 10 बजे तक ही ट्रेनों का परिचालन बंद करने की घोषणा की थी जिसको अब 31 मार्च तक के लिये बढ़ा दिया गया है.
Strengthening precautions against COVID-19
Indian Railways has decided that no passenger train will run up to 31st March.
#NoRailTravel pic.twitter.com/jIot630G7c
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) March 22, 2020
रेल मंत्रालय के आदेश में आगे ये भी कहा गया है कि, जो ट्रेनें 22 मार्च को सुबह चार बजे से पहले अपनी यात्रा शुरू कर चुकी हैं, वे अपने गंतव्य स्थान तक जाएंगी. साथ ही जरूरी सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए माल ढोने वाली ट्रेनों की आवाजाही जारी रहेगी. यात्री रद्द की गई सभी ट्रेनों का पूरा रिफंड 21 जून तक ले सकते हैं.
Lockdown : Only essential services will be allowed in 75 districts which have reported confirmed cases related to #Covid19India : important decisions after review with states by Cabinet Secretary pic.twitter.com/19kJy6yRre
— Sheyphali B. Sharan (@DG_PIB) March 22, 2020
कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर राजस्थान और पंजाब की सरकारों ने रविवार को पूरे राज्य में 31 मार्च तक लॉकडाउन (बंदी) लागू करने का फैसला किया. पंजाब में अब तक कोरोनो वायरस के 14 मामले सामने आए हैं.जबकि मुंबई बंगाल केरल में पहले ही लॉकडाउन किया जा चुका है. बचे हुए कुछ राज्य भी लॉकडाउन के मसले पर विचार कर रहे हैं। जल्दी ही घोषणा कर सकते हैं. देश भर के अति संक्रमित 75 जिलों में भी लॉकडाउन कर दिया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में भी लॉकडाउन किया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23 तारीख से 31 तारीख रतक दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है.दिल्ली में 22 तारीख से धारा 144 लगा दी जाएगी जो 31 तारीख तक जारी रहेगी.
We have decided to impose lockdown in Delhi from 6 AM tomorrow (23rd March) to 12 midnight of 31st March 2020: Delhi CM Arvind Kejriwal #CoronavirusPandemic pic.twitter.com/cdfPXkFFEE
— ANI (@ANI) March 22, 2020
During the lockdown in Delhi, no document or proof will be sought from a person if they say that they are out on streets to provide or avail any essential service: Chief Minister Arvind Kejriwal https://t.co/y7BDkaEody pic.twitter.com/8CvSptzvM6
— ANI (@ANI) March 22, 2020
रविवार सुबह दिल्ली के शाहीन बाग में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा विरोध प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंका गया. एक स्थानीय निवासी ने कहा कि सुबह करीब 10 बजे मंच के सामने वाले इलाके में बाइक पर एक व्यक्ति आया और उसने पेट्रोल बम फेंका और जल्दबाजी में बाहर निकल गया. इस घटना के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, जहां पर पुलिस को पांच-छह पेट्रोल से भरी बोतलें मिली हैं.
Delhi: Protesters at Shaheen Bagh allege that a petrol bomb was hurled nearby the anti-Citizenship Amendment Act protest site today pic.twitter.com/tHVzQfmKii
— ANI (@ANI) March 22, 2020
पिछले कुछ दिनों में शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों की संख्या में काफी कमी देखी गई है. उसके बाद भी कई प्रदर्शनकारी वहीं पर डटे हए हैं. शाहीनबाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू के आह्वान का साथ दिया. प्रदर्शन स्थल पर सांकेतिक रूप से पांच लोग वहां हैं बाकि लोगों ने अपनी चप्पलें वहां छोड़कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. कोरोना वायरस से संक्रमति लोगों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर लोगों की मांग थी कि शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन को खत्म कर दिया जाए.