इतवार देर शाम जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी के छात्रों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बजरंग दल और आरएसएस से सम्बद्ध गुंडों ने सुनियोजित तरीके से जानलेवा हमला किया, हॉस्टलों के कमरों में तबाही मचायी, छात्राओं को धारदार हथियारों से मारा, बदसलूकी की और पुलिस की मौजूदगी में हिंसा का तांडव किया।
जेएनयू के हॉस्टलों में घुस कर लड़कियों को लोहे के रॉड, डंडे, आदि से मारा गया। प्रोफेसरों को दौड़ा कर मारा गया। कमरों में तोड़फोड़ की गयी। लड़कियों को रेप की धमकी दी गयी। घटना कवर करने आए मीडियाकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की गयी।
A premeditated and coordinated attack by ABVP and other extremist goons from outside, hostels vandalized, students terrorised and attacked.#SOSJNU Part 3 pic.twitter.com/olYeSvKUjF
— JNUSU (@JNUSUofficial) January 5, 2020
A premeditated and coordinated attack by ABVP and other extremist goons from outside, hostels vandalized, students terrorised and attacked.#SOSJNU Part 2 pic.twitter.com/kW43uP4nUe
— JNUSU (@JNUSUofficial) January 5, 2020
A premeditated and coordinated attack by ABVP and other extremist goons from outside, hostels vandalized, students terrorised and attacked.#SOSJNU Part 1 pic.twitter.com/lMEHY5r44U
— JNUSU (@JNUSUofficial) January 5, 2020
जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष इस हमले में बुरी तरह से घायल हैं। करीब बीस छात्र और दो शिक्षक एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं।
JNUSU President has been brutually attacked by ABVP Gundas. #SOSJNU pic.twitter.com/X9yJ4r7DeY
— JNUSU (@JNUSUofficial) January 5, 2020
यह संवाददाता प्रगति मैदान के पुस्तक मेले से लौट रहा था जब जेएनयू में हमले की खबर मिली। मैं सीधे जेएनयू पहुंचा पर मुझे अंदर घुसने नहीं दिया गया, बेरसराय से ही मुझे पुलिस ने वापस भेज दिया। फिर मैं मेन गेट की तरफ आया, वहां प्रेस कार्ड दिखाने के बाद भी मुझे घुसने नहीं दिया गया। भीतर से हिंसा की जो तस्वीरें और वीडियो आ रहे थे वे दिल दहलाने वाले थे।
कुछ नकाबपोश हमलावर, जिनमें कुछ लड़कियां भी शामिल थीं, रॉड और डंडे से दौड़ा दौड़ा कर छात्र छात्राओं को मार रहे थे। इस बीच पुलिस बाहर मूकदर्शक बनी तैनात रही।
At JNU main gate. Lights are off. Lots of cops on riot gear. A right wing gathering yelling slogans. pic.twitter.com/7QLdzu2yJF
— Rohan Venkat (@RohanV) January 5, 2020
घटना की खबर फैलते ही बेर सराय,वसंत विहार, वीसी गेट, सरस्वती पुरम, पश्चिमाबाद गेट पर पुलिस ने बैरीकेड लगा दिए। वहां खड़े पुलिसवाले हंस रहे थे। जेएनयू से सटे मुनिरका गाँव में इस घटना की चर्चा इस रूप में थी कि जी न्यूज़ की खबर देख कर लोग एक दूसरे से में कह रहे थे कि छात्रों की आपसी लड़ाई है।
मौके पर पहुंचे योगेंद्र यादव भी गुंडों से घिर गए और उनके साथ बदसलूकी की गयी।
@_YogendraYadav hit and kicked as was his colleague and – the police watched. But as he points out – this is not the real story. The real story is what is happening inside JNU campus – where there are no cameras, and no police. "I am not going away, not going anywhere" he says. https://t.co/2OpnAoeNEr
— Mukulika Banerjee (@MukulikaB) January 5, 2020
इंडिया टुडे की पत्रकार पर भी हमला हुआ है।
Journalists beaten by goons at JNU gate. Our reporter confirm that it was @aajtak @IndiaToday journalist. All lights are off. Total chaos at #JNUViolence pic.twitter.com/9h60M0mKZp
— Atul Chaurasia (@BeechBazar) January 5, 2020
जेएनयू परिसर में रहने वाले सवाल कर रहे हैं कि आखिर जेएनयू में इतनी सारे लोग घुसे कैसे? जेएनयू में गर्ल्स हॉस्टल में कोई आकेला मर्द हॉस्टल में नहीं घुस सकता, फिर इतने लोग मुंह में कपड़ा बाँध कर कैसे घुसे? उससे पहले सवाल यह कि जब जेएनयू के हर गेट पर गार्ड है तो ये लोग इतनी संख्या में लोहे की रॉड और डंडों के साथ कैंपस में कैसे घुसे? क्या वीसी और जेएनयू प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव है?
"What happened in #JNU is a unprecedented thing. We don't know if situation in the campus is safe": Professor Surjit Majumdar, Secretary, JNUTA#JNUCampus #JNUViolence #JNUProtests pic.twitter.com/fZMBehdRpz
— NDTV (@ndtv) January 5, 2020
हमले के बीच हमलावरों के वॉट्सएप समूह “फ्रेंड्स आँफ आरएसएस” के लीक हुए संदेश बताते हैं कि हमला सुनियोजित था और हमलावर रियल टाइम में एक दूसरे को सलाह दे रहे थे कि कहां से घुसना है और क्या क्या करना है। इन हमलावरों में एबीवीपी जेएनयू के छात्र शामिल हैं और कुछ की पहचान बहुत साफ़ है।
हमले के बीच पुलिस ने कैंपस में फ्लैग मार्च किया तो भारतीय जनसंचार संस्थान के दो छात्र लपेटे में आ गए और पुलिस ने बिना वजह के उन्हें पीट दिया। दोनों छात्र बुरी तरह से घायल हैं। दोनों अंग्रेजी पत्रकारिता के छात्र हैं। आइआइएमसी के छात्रों को डर है कि कहीं उनके हॉस्टलों में भी यह हमला न हो जाए।
My classmate at IIMC, Astha Savyasachi, beaten and groped by the goons. Politics is now personal. Enough is enough.#JNUUnderAttack #JNUBleeds https://t.co/Plf8DAwDoW
— Apurva Bhardwaj (@apurvatweetss) January 5, 2020
इस बीच रायपुर से लेकर अलीगढ़ और जाधवपुर तक जेएनयू पर हमले के खिलाफ़ आवाजें उठी हैं।
https://twitter.com/CALL_MEpandeyji/status/1213873931972571137?s=20
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के संगठन फेडकटा, भाकपा−माले, सोशलिस्ट युवजन सभा, जेएनयूएसयू आदि ने हमले की निंदा करते हुए रिलीज़ जारी की है।
Federation of Central Universities Teachers Associations (FEDCUTA) condemns attack on JNU students and teachers
The FEDCUTA unequivocally condemns the violence unleashed on the students and teachers of JNU by armed goons, orchestrated by the JNU VC and his henchmen. The violence that has gone on now for two days and continued unabated for several hours today is a brazen attempt by the administration to terrorise the students and teachers who have bravely put up an unwavering fight to defend the University.
Shockingly, the armed goons, with lathis and stones, were allowed to enter the campus and to freely run amok on campus, identifying and attacking students and teachers, pelting stones on teachers’ houses, vandalising cars and property and entering women’s hostels even as the campus security has silently stood by. Several teachers and students including the JNUSU President have been seriously injured.
The FEDCUTA also condemns the complete complicity of the police in refusing to intervene or providing the minimum security and protection to the JNU community in the face of this dastardly attack. This also reveals the intent of this Government which has been totally complicit in the violence against teachers and students in campus after campus in different parts of the country.
The FEDCUTA demands an immediate stop to the violence and protection for the students and teachers. The FEDCUTA also demands the immediate removal of the JNU VC for failing in his moral responsibility to ensure the safety of all students and teachers.
The FEDCUTA stands in solidarity with the teachers and students of JNU.
Rajib Ray, President
DK Lobiyal, Secretary
इस बीच जेएनयू के रजिस्ट्रार की ओर से जो विज्ञप्ति जारी की गयी है उसमें छात्रों को ही हमले का दोषी ठहरा दिया गया है।
And this is what the #JNU registrar has to say on the entire situation… !!! pic.twitter.com/jDAiLhUlpo
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) January 5, 2020
खबर लिखे जाने तक सूचना आयी है कि एम्स में, जहां घायल छात्र भर्ती हैं, वहां भी घायलों के बीच कुछ हमलावर छुप कर पहुंच गए हैं और वहां वे मारपीट पर उतर आए हैं।
एम्स के बाहर हिंसा की खबर सुनकर भीम आर्मी के लोग पहुंच गए हैं और नारे लगा रहे हैं।
आज @BhimArmyChief चंद्रशेखर आज़ाद जी काफी कमी खल रही है यदि आज वो होते तो इस मुश्किल घड़ी में JNU के गेट पर मिलते और इन ABVP के गुडों को इनकी ही भाषा मे अच्छा सबक सिखाते। #SOSJNU @ReallySwara @SethShruti @Mdzeeshanayyub @anubhavsinha https://t.co/9iYKsurvgF
— कुश अंबेडकरवादी (@Kush_voice) January 5, 2020
उधर जेएनयू में देर रात तक माहौल गरम रहा। हमलावरों के चले जाने के बाद छात्रसंघ के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में एक बड़ा जुलूस निकला है हालांकि परिसर के भीतर धारा 144 लगाए जाने की ख़बर भी है।
https://twitter.com/JNUSUofficial/status/1213906452768706561?s=20