एक ऐसा सच जिसे सब महसूस करते हैं किन्तु बोलने से भी डरते हैं उस सच को उद्योगपति राहुल बजाज ने कह दिया। ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ पुरस्कार समारोह में शिरकत करने पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह से उद्योगपति राहुल बजाज ने कुछ तीखे सवाल किये। उन्होंने मॉब लिंचिंग और सांसद साध्वी प्रज्ञा के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए बयान में उचित कार्रवाई ना किये जाने का ज़िक्र तो किया ही साथ ही ये भी कहा कि लोग ‘आपसे’ डरते हैं।
Veteran industrialist Rahul Bajaj told Amit Shah to his face that there was an atmosphere of fear in the country, drawing rare, if not audacious, applause from corporate India.https://t.co/3rOgLif6fk
— The Telegraph (@ttindia) December 1, 2019
राहुल बजाज ने कहा, “‘हमारे उद्योगपति दोस्तों में से कोई नहीं बोलेगा, मैं खुलेतौर पर इस बात को कहता हूं…एक माहौल तैयार करना होगा… जब यूपीए 2 सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे। आप अच्छा काम कर रहे हैं, उसके बाद भी, हम आपकी खुले तौर पर आलोचना करें इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे।”
Industrialist Rahul Bajaj: UPA government mein kisi ko bhi gaali de sakte the. Aapke khilaaf bolne se log darte hain. Aap kaam kar rahen hain, toh phir logon ko bolne kee azadi kyu nahi. #ETAwards
— Rachita Prasad (@rachitaprasad) November 30, 2019
राहुल बजाज की टिप्पणी का उत्तर देते हुए कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही प्रज्ञा के बयान की निंदा कर चुके हैं और पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है।
WATCH | #RahulBajaj questions, @AmitShah responds at the #ETAwards 2019 | https://t.co/ISEbzTMbqp
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— Economic Times (@EconomicTimes) December 1, 2019
इस मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल व वाणिज्य मंत्री पीयूश गोयल भी मंच पर मौजूद थे।
It can be difficult to speak truth to power. Circumstances however, have made doing so increasingly necessary.#RahulBajaj stands out for his courage & integrity & for calling a spade a spade. pic.twitter.com/O6d7EWtiCd
— Congress (@INCIndia) December 1, 2019
राहुल बजाज की टिप्पणी का उत्तर देते हुए अमित शाह ने कहा कि किसी को भी किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है और जैसा कि आप कह रहे हैं कि डर का एक ऐसा माहौल बना है तो हमें इस माहौल को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए। मैं इतना स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि किसा को डरने की ज़रूरत नहीं और ना ही कोई डराना चाहता है।