जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने बृहस्पतिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति से मुलाकात कर बताया कि जेएनयू वर्तमान हालात के लिए कुलपति जिम्मेदार हैं। जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने बृहस्पतिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति से मुलाकात कर छात्रावास शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने और कुलपति को हटाने की मांग की है।
Vice Chancellor M Jagadesh Kumar has put future of JNU at stake: JNUTA
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— ANI Digital (@ani_digital) November 21, 2019
इस मुलाकात के बाद जेएनयूटीए ने एक बयान जारी किया है।
Press Statement meeting HPC_MHRD_Nov 21
जेएनयूटीए की 13 सदस्यीय कार्यकारी समिति ने कहा है कि शिक्षक संघ लगातार हालात को सुलझाने की कोशिश में है किन्तु जब तक कुलपति एम जगदीश कुमार वहां हैं इस समस्या का हल निकलना सम्भव नहीं है।
The JNU Teachers' Association met the HRD Ministry-appointed high-powered committee and demanded complete rollback of the hiked hostel fee and removal of the university vice-chancellor.https://t.co/2VNfMm6v3x
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) November 21, 2019
शिक्षक संघ ने पैनल को यह भी बताया कि वर्तमान कुलपति किस तरह जेएनयू अधिनियम का “उल्लंघन” कर रहे हैं और उन्होंने “विश्वविद्यालय के भविष्य को दांव पर लगा दिया है। ” बयान में कहा गया है, “विश्वविद्यालय की स्वायत्तता से समझौता करने और प्रशासन को सत्तावादी तरीके से चलाने के लिए कुलपति दोषी हैं, और उनके पद पर बने रहने से जेएनयू में सामान्य स्थिति बहाल करने में दिक्कतें आ रही हैं।
जेएनयूटीए ने मानव संसाधन कमेटी को एक ज्ञापन भी सौंपा है।
JNUTA Memorandum submitted to MHRD_HPC
शिक्षक संघ ने प्रस्तावित बढ़ी हुई फीस पूरी तरह से वापस लेने की मांग की है
संघ की कार्यकारी समिति ने दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कहा, “जेएनयू को जिस तरह से शासित किया जा रहा है उससे उत्पन्न समस्याओं से निपटना वर्तमान कुलपति के रहते असंभव है। जेएनयूटीए के 13 प्रतिनिधियों ने एक बयान में कहा कि उन्होंने तीन सदस्यीय समिति को बताया कि वर्तमान संकट कुलपति एम जगदीश कुमार की वजह से “विश्वविद्यालय में उत्पन्न कुशासन की पराकाष्ठा है।
Government has rs3000 cr for building statue!
Modi Govt has rs1200 cr per year to spend on advt!
5.7 lakh cr money for writing off bad loans & 4 lakh cr for tax rebates are "incentives" for corporates but Spending on public Education is Subsidy? Isn't it amazing?#FeesMustFall pic.twitter.com/O6xFWPoB0R
— N Sai Balaji | ఎన్ సాయి బాలాజీ (@nsaibalaji) November 22, 2019
शिक्षक संघ ने पैनल को यह भी बताया कि वर्तमान कुलपति किस तरह जेएनयू अधिनियम का “उल्लंघन” कर रहे हैं और उन्होंने “विश्वविद्यालय के भविष्य को दांव पर लगा दिया है।”
दूसरी ओर देशभर के विश्वविद्यालयों से जेएनयू छात्र आंदोलन के समर्थन में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।