महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की कैबिनेट की सिफारिश पर हस्ताक्षर कर दिया है। महाराष्ट्र में सत्ता के लिए चल रही खींचतान के बीच राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की जो सिफारिश की थी कैबिनेट की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति ने उस पर मुहर लगा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र में फिलहाल 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है।
President's Rule imposed in the state of #Maharashtra, after the approval of President Ram Nath Kovind. pic.twitter.com/tR3qW4xYbR
— ANI (@ANI) November 12, 2019
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य की मौजूदा हालत की रिपोर्ट केंद्र को भेजी थी। रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि संविधान के मुताबिक राज्य में सरकार नहीं बन सकती है। उन्होंने रिपोर्ट में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी। केंद्रीय कैबिनेट ने राज्यपाल की इस सिफारिश को अपनी स्वीकृति दे दी थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने फाइल राष्ट्रपति के पास भेज दी थी।
राष्ट्रपति ने राज्य में संविधान की धारा-356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। इस तरह महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों के 19 दिन बाद आखिरकार राष्ट्रपति शासन लग गया।
ख़बर लिखे जाने तक शरद पवार की कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक हो रही थी।
Maharashtra: Leaders of Congress and Nationalist Congress Party (NCP) held a joint meeting today in Mumbai. President's Rule has been imposed in the state of #Maharashtra. pic.twitter.com/Sf5iQfnxkI
— ANI (@ANI) November 12, 2019
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र में फिलहाल 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है। अगर इस दौरान कोई पार्टी बहुमत साबित करती है तो राष्ट्रपति शासन हट जाएगा।
Ministry of Home Affairs (MHA) Spokesperson: #Maharashtra Governor was of the view that it has been 15 days since the conclusion of electoral process and none of the political parties are in the position to form a govt in the state; President's Rule is a better option. pic.twitter.com/dkgySHo3oE
— ANI (@ANI) November 12, 2019
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘राज्यपाल ने केंद्र से पास राष्ट्रपति शासन की सिफारिश भेजी थी। जिसमें कहा गया था कि कोई भी पार्टी सरकार बनाती हुई नहीं दिख रही है। ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।’
शिवसेना ने राज्यपाल के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
434587471-Synopsis-LoD (1)Shiv Sena files petition in Supreme Court challenging Maharashtra Governor's decision to not extend the time given to the party to prove their ability to form government. Advocate Sunil Fernandez has filed the plea for Shiv Sena. pic.twitter.com/vVbZqCdtH5
— ANI (@ANI) November 12, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया।
No hearing today in Supreme Court on Shiv Sena’s plea against Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari's decision of denying three more days to the party to get letters of support from NCP and Congress. #Maharashtra pic.twitter.com/Tu1b0XaQ1w
— ANI (@ANI) November 12, 2019
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के खिलाफ आज शिवसेना दूसरी याचिका दाखिल करेगी। शिवसेना ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और तुरंत सुनवाई की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने कहा कि बुधवार 10.30 बजे याचिका समुचित बेंच के आगे मेंशन करें, तुरंत बेंच का गठन संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के वकील को कहा कि बुधवार को सुबह 10.30 बजे अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग करें।
शिवसेना ने कहा है कि राज्यपाल को केन्द्र सरकार इशारे पर काम नहीं करना चाहिए।
Maharashtra Government Formation: "Governor should not act as mouth piece of Central Government", Shiv Sena moves Supreme Courthttps://t.co/djNlai31d0
— Bar and Bench (@barandbench) November 12, 2019
वहीं विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर राज्यपाल और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राज्यपाल ने लोकतंत्र की कब्र खोद दी और संविधान की अवमानना की है।
Governor Koshiyari has committed a grave travesty of the democracy & made a mockery of the Constitutional process in reccomending President’s Rule in Maharashtra.
Four grave violations of the Constitutional Scheme, as expressed in SR Bommai judgment, stand out.
1/3 pic.twitter.com/Ixp0pKF9du— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 12, 2019
दिग्विजय सिंह ने कहा है कि राज्यपाल ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के दवाब में यह निर्णय लिया है। इस पर हमें आपत्ति है।
#WATCH Digvijaya Singh, Congress: …This decision (President's Rule in Maharashtra) has been taken under pressure from Prime Minister and Home Minister, we object to this. pic.twitter.com/GRaEoTPG5P
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 12, 2019
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का मकसद होर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि ये अनैतिक कदम है। सिब्बल ने कहा कि जहां तक राज्यपाल का सवाल है वो केन्द्र के इशारे पर चलते हैं। जब ये जाहिर था कि शिवसेना बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहती है तो 9 नवंबर तक का इंतजार क्यों किया गया? और शिवसेना एनसीपी को मात्र 24-24 घंटे का समय दिया गया।
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी राज्यपाल के इस कदम की आलोचना करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
The Governor of Maharashtra had given time till 8.30 pm today to NCP leader Shri Sharad Pawar. Then how can he recommend President’s rule before the expiry of the deadline? This is the butchery of our Constitution. #Maharashtra https://t.co/hDWsX484gV
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) November 12, 2019