कठुआ रेप-मर्डर केस में जम्मू की एक अदालत ने मंगलवार को इस मामले की जांच करें वाली 6 सदस्यों वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए है. जिला कोर्ट ने एसएसपी जम्मू को निर्देश दिया है कि क्राइम ब्रांच के पूर्व एसएसपी समेत जांच करने वाली पूरी स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें.
Jammu courts directs police to register FIR against SIT that probed Kathua rape and murder case
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— ANI Digital (@ani_digital) October 22, 2019
तीन गवाहों की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है. तीनों गवाहों ने कोर्ट में कहा है कि इन अफसरों ने इस कांड में विशाल जंगोत्रा के खिलाफ गलत गवाही देने के लिए तीनों को प्रताड़ित किया. इन पर आरोप है कि 2018 में 8 साल की एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या के आरोप में गवाहों को झूठे बयान देने के लिए शोषण किया और उन्हें विवश किया.
Ankur Sharma, defence lawyer in Kathua rape case: Prima facie the court was satisfied that the crime branch indulged in custodial torture, manufacturing of false evidence, criminal intimidation, illegal confinement & many other serious offences. https://t.co/2YzfGEQYKE
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इस टीम में आरके जल्ला(पूर्व एसएसपी, क्राइम ब्रांच, जम्मू), पीरजादा नावेद(एडिशनल एसपी क्राइम ब्रांच, जम्मू), श्वेतांबरी शर्मा (डिप्टी एसपी क्राइम ब्रांच, जम्मू), नासिर हुसैन (डिप्टी एसपी, क्राइम ब्रांच), उर्फान वानी (सब इंस्पेक्टर, क्राइम ब्रांच) और केवल किशोर (क्राइम ब्रांच) शामिल हैं.
कोर्ट ने सीआरपीसी के सेक्शन 156(3) के तहत अगली 7 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक एफआईआर और रिपोर्ट दर्ज करवाने की ताकत का इस्तेमाल किया.
सेक्शन 156(3) के मुताबिक: ‘अगर पीड़ित के मुताबिक ठीक से जांच नहीं हुई हो तो, मजिस्ट्रेट एफआईआर दर्ज करने और सीधी जांच के निर्देश दे सकते हैं.’
इससे पहले जज ने अपीलकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट अंकुर शर्मा और तरुण शर्मा की दलीलें सुनीं. जज ने महसूस किया कि अपीलकर्ताओं ने 24 सितंबर 2019 को पक्का डंगा पुलिस स्टेशन में इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की शिकायत की. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रेम सागर ने मामले के गवाहों सचिन शर्मा, नीरज शर्मा और साहिल शर्मा की एक याचिका पर जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निर्देश देते हुए कहा कि इन छह लोगों के खिलाफ संज्ञेय अपराध बनता है.
सचिन शर्मा, नीरज शर्मा और साहिल शर्मा ने सिटी जज जम्मू के पास शिकायत दर्ज कराई. कहा कि क्राइम ब्रांच के पूर्व एसएसपी रमेश जाला, एएसपी पीरजादा नवीद, डीएसपी श्वेतांबरी शर्मा, डीएसपी नासिर हुसैन, उरफान वानी और केवल किशोर ने हमें प्रताड़ित किया. हमसे जबरदस्ती विशाल जंगोत्रा के खिलाफ झूठी गवाही देने के लिए प्रताड़ित किया. अपीलकर्ताओं ने कहा कि इन अधिकारियों ने रसाना कांड में हमें प्रताड़ित किया, जबरदस्ती की और दबाव बनाया कि विशाल जंगोत्रा के खिलाफ गलत गवाही दें. 164 के बयान देने से पहले इन लोगों को प्रताड़ित किया गया. ट्रायल कोर्ट ने कांड में विशाल जंगोत्रा को बरी कर दिया था. अधिकारियों ने एक सोची समझी साजिश के तहत विशाल के खिलाफ झूठा केस बनाया.
अपीलकर्ताओं ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कहा कि उन्होंने एसएसपी जम्मू को भी कहा था, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई. पक्का डंगा पुलिस स्टेशन में इन अफसरों के खिलाफ सेक्शन 194 आरपीसी में केस दर्ज करने की मांग रखी गई.
जम्मू के सिटी जज प्रेम सागर ने मंगलवार को इस शिकायत पर अमल करते हुए जम्मू के एसएसपी को निर्देश दिया कि उक्त अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें और 7 नवंबर को मामले में अगली सुनवाई के दौरान कंप्लाइंस रिपोर्ट पेश करें.
बता दें कि जम्मू के ट्राइबल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली 8 साल की आसिफा का 10 जनवरी से लेकर 17 जनवरी 2018 के बीच कई बार रेप हुआ और बाद में उसे मार दिया गया था. इस केस में सुनवाई करते हुए पठानकोट ट्रायल कोर्ट ने 10 जून 2019 को इस केस के सातवें आरोपी विशाल जंगोत्रा को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था.
इस साल जून में जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने 3 मुख्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि मामले में सबूत नष्ट करने के लिए तीन अन्य को 5 साल जेल की सजा सुनाई थी.