मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के भावखेड़ी गांव में बुधवार की सुबह पंचायत भवन के सामने शौच करने पर दो व्यक्तियों ने दो दलित बच्चों को कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला. बुरी तरह पीटे जाने से दोनों बच्चे रोशनी वाल्मीकि (12 साल) और अविनाश वाल्मीकि (10 साल) को गंभीर चोटें आईं. जिला अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.
शिवपुरी के एसपी राजेश चंदेल ने बताया कि इस मामलें में दोनों अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उन पर हत्या का मामला दर्ज कर दिया गया है.
Madhya Pradesh: Two children were allegedly beaten to death by two men for defecating in open in Shivpuri, today. Rajesh Singh Chandel, SP Shivpuri says, "the accused have been detained & are being interrogated. Further investigation is being done." pic.twitter.com/XF70HPhUoR
— ANI (@ANI) September 25, 2019
पुलिस के मुताबिक़ हाकिम ने दोनों बच्चों को सड़क पर शौच करने से मना किया और कहा कि सड़क को गंदा कर रहे हो. उसके बाद उसने रामेश्वर के साथ मिलकर हमला कर दिया.
पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक़ दोनों नाबालिग रिश्ते में बुआ और भतीजे थे.
अविनाश के पिता मनोज वाल्मीकि का दावा है कि, दोनों सुबह 6 बजे शौच के लिये निकले थे. हाकिम और रामेश्वर यादव ने उनकी लाठियों से पिटाई की. उन्होंने दोनों को तब तक मारा जब तक उनकी मौत नहीं हो गई. जब मैं वहा पहुंचा तो दोनों वहा से भाग गये थे.
Two Dalit children who had no toilet at home were allegedly beaten to death by upper caste men for relieving themselves on a road in Madhya Pradesh, just when the Centre is gearing up to declare the country open defecation-free on October 2.https://t.co/JcExczw26f
— The Telegraph (@ttindia) September 26, 2019
मृतक अविनाश के पिता मनोज वाल्मीकि ने कहा कि उनका गांव यादव बहुल है और गांव में उनके साथ जातिगत आधार पर भेदभाव किया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के सभी लोगों द्वारा पानी लेने के बाद ही उन्हें हैंडपंप से पानी निकालने की अनुमति है.
मनोज का यह भी कहना है कि उनके घर पर शौचालय बनने के लिये पंचायत के पास पैसा भी आ गया था लेकिन “इन लोगों ने उसे बनने नहीं दिया.” उनका यह भी दावा है कि इन लोगों की वजह से गांव में उनके परिवार के साथ बदसलूकी की जाती थी.
मनोज और उनके परिवार के घर में शौचालय नही बनने दिया गया था. शौचालय नहीं होने की वजह से परिवार को बाहर जाकर शौच करना पड़ता था.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर देश को ‘खुले में शौच’ से मुक्त घोषित करेंगे.