मेघालय उच्च न्यायालय में ट्रांसफर करने के कॉलेजियम के फैसले के बाद मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश विजय के ताहिलरमानी द्वारा विरोधस्वरूप इस्तीफा देने के बाद चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के सेकेट्री जनरल ने एक बयान जारी किया है कि न्याय के बेहतर प्रशासन के हित में आवश्यक प्रक्रिया का अनुपालन करने के बाद कॉलेजियम ने इस ट्रांसफर के लिए सिफारिश की थी। हालांकि, यह संस्थान के हित में नहीं होगा कि वो स्थानांतरण के कारणों का खुलासा करें लेकिन यदि आवश्यक पाया जाता है तो कॉलेजियम को उसका खुलासा करने में कोई हिचक नहीं होगी।
Transfer Of Judges For Cogent Reasons; Will Disclose Reasons If Found Necessary: SC Reacts To Controversy Read Statement: https://t.co/J0J3GAfh4A pic.twitter.com/yVYX4VMzOX
— Live Law (@LiveLawIndia) September 12, 2019
दरअसल मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश विजया के ताहिलरमानी सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम द्वारा उनके मेघालय स्थानांतरण करने की संस्तुति के बाद से नाराज़ थीं और उन्होंने 28 अगस्त को कोलेजियम से अपने स्थानांतरण के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी.
ताहिलरमानी के अनुरोध को दरकिनार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाले कोलेजियम ने उनके मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरण की संस्तुति फिर से की थी.
जिसके बाद मद्रास हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश विजया के ताहिलरमानी ने 6 सितम्बर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
कोलेजियम द्वारा स्थानांतरण की दोबारा सिफारिश किए जाने के बाद ताहिलरमानी ने विरोध जताते हुए इस्तीफे पर विचार करने की बात कही थी. हालांकि राष्ट्रपति ने उनके इस्तीफे को अब तक स्वीकार नहीं किया है.
न्यायाधीश विजया के ताहिलरमानी को 8 अगस्त 2018 को ही मद्रास उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट सेकेट्री जनरल संजीव एस कलगांवकर ने गुरुवार को निम्नलिखित बयान जारी किया:
उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों / न्यायाधीशों के स्थानांतरण के संबंध में कॉलेजियम द्वारा हाल ही में की गई सिफारिशों से संबंधित कुछ रिपोर्ट मीडिया में दिखाई दी हैं। जैसा कि निर्देश दिया गया है, यह कहा गया है कि न्याय के बेहतर प्रशासन के हित में आवश्यक प्रक्रिया का अनुपालन करने के बाद स्थानांतरण के लिए सिफारिश की गई थीं। हालांकि यह संस्थान के हित में नहीं होगा कि वह स्थानांतरण के कारणों का खुलासा करें, यदि आवश्यक पाया गया, तो कॉलेजियम को इसका खुलासा करने में कोई संकोच नहीं होगा। आगे, सभी सिफारिशें पूर्ण विचार-विमर्श के बाद की गईं और कॉलेजियम द्वारा सर्वसम्मति से इन पर सहमति व्यक्त की गई थी
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