ख़तरों की राजधानी: ज़रा हट के ज़रा बच के ये है दिल्‍ली मेरी जान…

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इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने 2019 के लिए दुनिया के सबसे सुरक्षित शहरों की सूची जारी कर दी है. दुनिया के सबसे सुरक्षित शहरों की सूची में भारत की राजधानी नई दिल्ली को 52वां स्थान मिला है. वहीं मुंबई को 45वां स्थान मिला है. 60 शहरों की इस सूची में जापान की राजधानी टोक्यो लगातार तीसरे साल शीर्ष पर रहा है. टोक्यो के बाद रैकिंग में दूसरे नंबर पर सिंगापुर है. तीसरे नंबर पर जापान का ओसोका शहर है.

सेफ सिटीज़ इंडेक्स 2019 में, पांच महाद्वीपों के 60 शहरों का मूल्यांकन चार कारकों पर किया गया जिसमें डिजिटल, बुनियादी ढाँचा, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत सुरक्षा शामिल है.

नीदरलैंड का एम्स्टर्डम चौथे, ऑस्ट्रेलिया का सिडनी पांचवें, कनाडा का टोरंटो छठवें, डेनमार्क का कॉपेनहेगन आठवें, दक्षिण कोरिया का सियोल नौवें और ऑस्ट्रेलिया का मेलबर्न दसवें स्थान पर है.

वहीं सूची में लंदन और न्यूयॉर्क को बड़ा नुकसान हुआ है. दोनों शहर छह स्थान नीचे गिरकर शीर्ष 10 से बाहर हो गए हैं। लंदन 14वें और न्यूयॉर्क 15वें स्थान पर है.

वहीं, अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन DC पहली बार शीर्ष 10 में जगह बनाने में कामयाब रही है और सातवें स्थान पर है.

index safe cities 2019

लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों के दौर से गुजर रहे हांगकांग को सुरक्षित शहरों की रैंकिंग में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार हांगकांग 2015 में 11 वें और 2017 में नौवें स्थान पर रहने के बाद 20 वें स्थान पर आ गया. अन्य एशियाई शहरों में भी कम रैंक वाले बीजिंग (31), कुआलालंपुर (35) और जकार्ता (53) शामिल हैं. वहीं, पाकिस्तान को यहाँ भी बड़ा झटका लगा है. रैंकिंग में पाकिस्तान के कराची शहर को 57 वां स्थान हासिल हुआ है तो बांग्लादेश की राजधानी ढाका 56वें नंबर पर है.

भारत की जनता इस बात से खुश हो सकती है कि कराची और ढाका इस सूची में दिल्ली से नीचे हैं.

सूची में खराब प्रदर्शन करने वाले शहरों में भी एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के ज्यादा शहर शामिल हैं.

दिल्ली का 52वें क्रम पर होना हर भारतीय के लिए चिंता और शर्म का विषय होना चाहिए. दिल्ली को ‘रेप कैपिटल’ कहा जाता है. एक तरफ दिल्ली में सुरक्षा के दावे तो होते रहते हैं किन्तु यदि अपराध के आंकड़ों पर ध्यान दें तो पता चलता है कि यहां हत्या, रेप जैसी घटनाओं में इजाफा हुआ है. गाड़ियों की चोरी भी बढ़ने लगी है.

पुलिस के आंकड़ों की मानें तो दिल्ली में अपराध बढ़ने की पुष्टि एफआईआर की संख्या कर रही है. पिछले साल की अपेक्षा इस साल 8 महीने में 40 हजार एफआईआर ज्यादा दर्ज हुई हैं. पुलिस के मुताबिक, पिछले साल 15 अगस्त तक दिल्ली में हत्या की 290 घटनाएं दर्ज हुई थीं, जबकि इस साल यह आंकड़ा सवा 300 भी पार कर गया है. लगभग 1400 लड़कियां रेप का शिकार हुई हैं.

राष्ट्रीय राजधानी में इस साल 15 जुलाई तक हर रोज बलात्कार के औसतन 6 मामले और छेड़छाड़ के 8 मामले दर्ज किए गए. इस साल 15 जुलाई तक दुष्कर्म के कुल 1,176 मामले दर्ज किए गए हैं.


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