सुप्रीम कोर्ट ने आज कश्मीर टाइम्स की एग्जक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन और सामाजिक कार्यकर्त्ता तहसीन पूनावाला की याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र को नोटिस जारी किया है. दोनों की याचिका में कोर्ट ने इंटरनेट, लैंडलाइन और अन्य कम्यूनिकेशन पर लगी रोक हटाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से भसीन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सात दिनों के अंदर विस्तृत रिपोर्ट सरकार से मांगी है.
Supreme Court also issued a notice to the Centre on the plea by Kashmir Times Executive Editor, Anuradha Bhasin, seeking a direction for relaxing restrictions on the internet, landline, & other communication channels. SC sought a detailed response from the Centre within 7 days. https://t.co/QnWhasbDpf
— ANI (@ANI) August 28, 2019
जम्मू और कश्मीर में चल रही गंभीर लॉकडाउन की स्थिति पर अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए पूनावाला ने अदालत से संविधान के अनुच्छेद 370 के उल्लंघन, जम्मू-कश्मीर में हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई और धारा 370 हटाए जाने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों को वापस लेने और जम्मू और कश्मीर में जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए एक न्यायिक आयोग गठन की मांग की थी.
Breaking: Supreme Court issues notice in Anuradha Bhasin's petition on media restrictions and shutdown in Kashmir #Kashmir https://t.co/q9wHFk976T
— Bar and Bench (@barandbench) August 28, 2019
इस मामले पर आज मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और एस अब्दुल नज़ीर की विशेष पीठ ने सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आज पूनावाला की याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह एक ऐसे कार्यकर्ता हैं जो टेलीविजन पर दिखाई देते हैं. अदालत ने आपत्ति पर विचार नहीं किया और सात दिनों के अंदर सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने घाटी में पत्रकारों पर पाबन्दी, मीडिया ब्लैकआउट, इंटरनेट और दूरसंचार पर रोक के विरुद्ध याचिका दायर कर इसे तुरंत ख़त्म करने की मांग की है.