आम चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को लेकर पैदा हुए संदेहों के चलते महाराष्ट्र के नागरिक समाज के कुछ लोगों ने मिलकर एक आंदोलन खड़ा करने का फैसला लिया है। ईवीएम विरोधी राष्ट्रीय जनांदोलन के बैनर तले पूरे देश में 30 मई को गांव, कस्बों, शहरों में ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया गया है।
महानगरों में सबसे पहले मुंबई के आज़ाद मैदान के पास सीएसटीएम सबवे संख्या 1 पर शाम 5 बजे एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने की सूचना देते हुए आंदोलन के संयोजक फिरोज़ मीठीबोरवाला द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि ईवीएम लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। आंदोलन की मांग है कि भारत में चुनाव अब बैलट पेपर से करवाए जाएं।
आंदोलन का कहना है कि इतने भारी मतों से भाजपा की विजय के बावजूद देश में सन्नाटा है। इसलिए नागरिक समाज ने फैसला किया है कि वह ईवीएम के मुद्दे को लेकर जनता की अदालत में जाएगा।
इसीलिए आंदोलन ने 30 मई गुरुवार को ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रीय विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है।
इस आंदोलन से जुड़े प्रमुख नामों में अवकाश पाप्त जस्टिस बीजी कोलसे पाटील, डॉ. सुरेश खैरनार, निरंजन टाकले, रवि भिलाने, फिरोज़ मीठीबोरवाला, प्रतिभाशिंदे सहित महाराष्ट्र के दो दर्जन नाम हैं।