झारखण्ड में सुरेश उरांव नाम के खनन विरोधी एक्टिविस्ट की हत्या हो गई है। सुरेश और उनके लोग जिस ज़मीन के मालिक थे उस पर सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल) ने पुरनाडीह कोयला खदान खोल दी है। सुरेश लंबे समय से सीसीएल और माफिया के खिलाफ अपनी ज़मीन हड़पे जाने को लेकर संघर्ष कर रहे थे।
चतरा में विस्थावन विरोधी नेता सुरेश उरांव को गुरुवार को गोलियों से भून डाला गया। सुरेश सीसीएल की पुरनाडीह परियोजना में कार्यरत थे। पिपरवार थाना क्षेत्र के कुसुम टोला में हुई इस घटना में बाइकसवार अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी।
सुरेश उरांव को पांच गोली मारी गई। गुरुवार को वे कुसुम टोला के निकट एक गांव में सरनास्थल में आयोजित पूजा समारोह में शामिल होने गए थे। उसी दौरान दो मोटर साइकिलों पर सवार अपराधी आए और सुरेश को गोलियों से भून डाला।
सुरेश को तुरंत सीसीएल के सेंट्रल अस्पताल डकरा लाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सुरेश लंबे समय से अपनी और अपने लोगों की ज़मीन हड़पे जाने का विरोध कर रहे थे। सीसीएल ने जब इस विरोध का दमन किया, तब सुरेश और उनके समुदाय के लोगों ने रोजगार और मुआवजे की मांग शुरू कर दी। सुरेश को परियोजना में रोजगार मिल गया जिसके बाद वे लगातार अपने लोगों को उनके कानूनी मुकदमों में मदद कर रहे थे और उनकी चिकित्सीय दिक्कतों में सहयोग मुहैया करवाते थे। वे उस इलाके के लोकप्रिय नेता रहे।
सीसीएल ने जब दामोदर नदी में कचरा बहाना शुरू किया तो सुरेश और उनके लोगों ने सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ अदालत में मुकदमा कर दिया। मुकदमे में कंपनी की हार हुई थी।
सुरेश उनके घर में उनकी पत्नी संगीता और दो बच्चे हैं।