मीडिया विजिल ब्यूरो
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपने क्षेत्र गोरखपुर में पुलिसिया गोलीबारी में तीन लोग घायल हो गए। पुलिस का कहना है कि दलितो ने थाने पर पथराव किया जिसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। वहीं दलितों का आरोप है कि पुलिस ने, जमीन कब्जा करने वाले दबंगों के साथ मिलकर उनकी पिटाई की जिससे गु़स्सा फूटा। तमाम मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग की है।
जनमंच के संयोजक और पूर्व पुलिस आई.जी.एस.आर.दारापुरी की ओर से जारी प्रेस बयान में घटना की जानकारी कुछ यूँ दी गई है —–
‘दो दिन पहले गगहा थाना के अथौला गाँव में एक व्यक्ति द्वारा ग्राम समाज की खलिहान की ज़मीन पर अवैध निर्माण किया जा रहा था जिस पर दलितों ने आपत्ति की थी तथा इसकी सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने दोनों पार्टियों को अगले दिन थाने पर बुलाया था। अगले दिन जब दलित थाने पर पहुंचे तो दबंग लोग पहले से ही वहाँ मौजूद थे। बातचीत के दौरान एक दबंग ठाकुर वीरेन्द्र चंद ने पुलिस का डंडा ले कर स्वयम् ही दलितों को पीटना शुरू कर दिया और विरोध करने पर थानाध्यक्ष सुनील सिंह जो कि योगी आदित्नाथ के बहुत नजदीकी कहे जाते हैं, ने भी दलितों पर ही डंडे बरसाने शुरू कर दिए। इस पर एक दलित भाग कर दलित बस्ती चला गया और जानकारी दी। इस पर काफी दलित थाने पर पहुँच गये। जब उन्होंने थाने पर दलितों की पिटाई करवाने और करने का विरोध किया तो मामला बिगड़ गया। पुलिस वालों ने पहले उन पर डंडे बरसाए और फिर गोली चलाई जिससे तीन दलित बुरी तरह से घायल हो गये और मेडिकल कालेज में भर्ती हैं.
दारापुरी के मुताबिक, इसके बाद उच्च अधिकारियों के आने पर पुलिस ने बहुत भारी संख्या में दलित बस्ती पर चढ़ाई की तथा जो भी बच्चा, बूढ़ा और औरत मिली सब को बुरी तरह से मारा पीटा तथा घरों में तोड़फोड़ की। जो भी हाथ लगा उसे गाड़ी में भर कर थाने पर ले गए। अब तक 29 दलित जेल भेजे जा चुके हैं जिन पर संगीन धाराओं में अपराध दर्ज किये गए हैं। इस समय अथौला गाँव के सभी दलित गाँव छोड़ कर भगे हुए हैं और पुलिस घरों पर दबिश दे रही है. लगता है पुलिस योगी जी के सख्त प्रशासन के नाम पर दलितों को सबक सिखाने पर तुली हुयी है.
जन मंच इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करके पक्षपात के दोषी पुलिस कर्मचारियों को दण्डित करने, निर्दोष दलितों को तुरंत रिहा करने तथा दलितों का पुलिस उत्पीडन तुरंत बंद करने की मांग की है।’
गोरखुपर न्यूज़ लाइन के मुताबिक पुलिस रबर बुलेट चलाने की बात कर रही है । पुलिस के मुताबिक ग्रामीणों ने हिरासत में लिए व्यक्ति को छुड़ा लिया। पथराव से थाना परिसर में खडी पुलिस की जीप तथा कई अन्य वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम भी जाम कर दिया। पुलिस का कहना है कि थाने के गेट पर लगी पुलिस की बोर्ड तथा बैरकेडिंग बोर्ड तोड दी गई। बचाव के लिए पुलिस को लाठचार्ज और रबर की गोलियां चलानी पड़ीं। कई पुलिस वाले भी घायल हुए हैं।
जबकि ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस की गोली से तीन लोग घायल हुए हैं। फायरिंग में 12 वर्ष के दीपक को जंघे में गोली लगी। गोली उसके जाँघ में फंसी है। 18 वर्षीय भोलू के पैर में गोली लगी। 65 वर्षीय जितू को भी गोली लगी है। लाठीचार्ज में भी ग्रामीण घायल हुए हैं।
वहीं, मानवाधिकार संगठन रिहाई मंच ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार में उत्तर प्रदेश की पुलिस रणवीर सेना की भूमिका निभा रही है। रिहाई मंच की ओर से एक जाँच दल भेजा जाएगा और 20 मई को गोरखपुर में सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। रिहाई मंच के प्रवक्ता अनिला यादव ने आरोप लगाया है कि गगहा के थानाध्यक्ष सुनील सिंह और प्रधान बिरेन्द्र चन्द्र सिंह जैसों को पता है कि योगी आदित्यनाथ उनकी जाति के हैं और उनपर कोई कार्रवाई नही होगी।
वीडियो देखिए–