रिनैसाँ: स्वामी विरजानंद ने बताया था हिंदू-मुस्लिम एकता को देशभक्ति का आधार!

स्वामी विरजानंद थे दयानंद सरस्वती के गुरु। नेत्रहीन थे लेकिन 1857 की क्रांति की पृष्ठभूमि तैयार करने में भूमिका निभायी। 1856 में हिंदू और मुस्लिम फ़क़ीरों ने मथुरा की पंचायत में मिलकर कहा कि बहादुरशाह हमारे बादशाह। स्वामी विरजानंद ने कहा कि आज़ादी जन्नत और ग़ुलामी है दोज़ख।

First Published on:
Exit mobile version