बिहार: औरगाबाद में सामंती हमले के ख़िलाफ़ माले का राज्य भर में प्रदर्शन

बिहार में दलित-पिछड़ों पर सामंती हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. विगत 21 अगस्त को औरंगाबाद जिले में दलित-अतिपिछड़ों पर सामंतों ने जानलेवा हमला किया था.  औरंगाबाद के दाउदनगर के अंछा में राजपूत जाति के सामंती अपराधियों द्वारा दलितों-अतिपिछड़ों पर किए गए इस जानलेवा हमले के खिलाफ भाकपा-माले ने आज राज्यव्यापी प्रतिवाद आयोजित किया.

भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य व ओबरा के पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने पटना में विरोध करते हुए कहा कि भाजपा-जदयू के दिन अब लद गए हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य के दलितों-गरीबों-अतिपिछिड़ों व व्यापक जनता ने इस जनविरोधी व सामंतपरस्त सरकार को सबक सिखाने का पूरी तरह से मन बना लिया है. उन्होंने कहा कि अंछा में सामंती अपराधियों के भय से आतंक का माहौल था, लेकिन जब भाकपा-माले की टीम वहां पहुंची तब जाकर उनलोगों को हिम्मत आई.

राजाराम सिंह ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के उपरांत भाकपा-माले की एक राज्यस्तरीय टीम गांव में पहुंची थी. टीम में उनके अलावा अरवल के पार्टी जिला सचिव महानंद, राज्य कमिटी के सदस्य जितेन्द्र यादव व रविन्द्र यादव तथा औरंगाबाद जिला सचिव मुनारिक शामिल थे.

आज के प्रतिवाद के तहत राज्य कार्यालय में ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, राज्य कमिटी के सदस्य उमेश कुमार और अन्य नेताओं ने प्रतिवाद दर्ज किया तथा सभी घायलों के समुचित इलाज की मांग की. पटना के आशियान नगर, दीघा, कंकड़बाग, पटना सिटी आदि इलाकों में भी माले कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया.

औरंगाबाद के दाउदनगर के कई गांवों में प्रतिरोध दर्ज किया गया और दलित-गरीबों पर लगातार किए जा रहे हमले का विरोध दर्ज किया गया. विभिन्न गाँवों के गा्रमीणों के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता ने इस राज्यव्यापी विरोध दिवस में भाग लिया. दाऊदनगर नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार दबगर, निलकोठी नगर सचिव बिरजू चैधरी, पचकठवा महेंद्र चैधरी, गुलजरपुर, रामनगर आदि स्थानों पर विरोध कार्यक्रम किया गया. इस मौके पर अनुमण्डल कार्यालय में प्रतिरोध सभा की गयी.

दाऊदनगर प्रखंड के विभिन्न पंचायत, गाँव एवं प्रखंड कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किये गये, जिसमें अंछा गाँव में हुए सामंती जातीय हमले के खिलाफ आम गरीब जनता में आक्रोश देखा गया. तरार गाँव मे जनार्दन सिंह, मखरा में किसान नेता कामता यादव, रेपुरा में जिला कमिटी सदस्य नागेंद्र कुमार, मनार में मनोज मेहता, जिनोरिया खेग्रामस राजकुमार भगत, बेलड़ी बामदेव सिंह, ठाकुर विगहा दुधेवश्वर मेहता, बाबू अमौना मदन प्रजापत, संसा अलकारी देवी ने विरोध दर्ज किया.

अंछा गाँव में सोन कैनाल नहर रोड से अंछा की पइन मार्ग जो गरीब बस्ती से जोड़ती है, उसे अविलंब निर्माण कराने की मांग की गई. गीब टोले के लिये 200 केवी का दो टांसफार्मर लगाने व गरीबों के ऊपर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई. घायलों को सरकारी खर्च पर इलाज कराने एवं पीड़ित परिवार को 10-10 लाख का मुआवजा देने की मांग उठाई.

अरवल, जहानाबाद, गया आदि नजदीक के इलाकों में विरोध दिवस में जनता की जबरदस्त भागीदारी दिखी. भोजपुर के विभिन्न इलाकों में भी प्रतिवाद हुआ. जिसमें मल्लाह जाति के गरीबों की गोलबंदी देखी गई. जीनोरीया अन्छा में गरीबों पर हमले के विरोध प्रतीवाद किया गया.

पूर्वी चंपारण के मोतिहारी- छौड़ादानो रोड नारायण चैक पर मार्च निकालकर माले नेताओं ने लॉकडाउन के दौरान जदयू-भाजपा के संरक्षण में दलित गरीबों पर लगातार हो रहे हमले पर रोक लगाने की मांग की.

सहरसा में माले वे खेग्रामस नेताओं ने मार्च निकाला. पटना जिले के धनरूआ, फतुहा, विक्रम, पालीगंज आदि इलाकों में प्रतिवाद किया गया. मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सिवान, गोपालगंज, अररिया, भागलपुर, नवादा, वैशाली आदि तमाम जिलों में आज के कार्यक्रम को लागू किया गया.

 


भाकपा माले राज्य कार्यलय सचिव कुमार परवेज द्वारा जारी विज्ञप्ति पर आधारित

 

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