बिहार: किसान आंदोलन के समर्थन में ‘शहीद जगदेव-कर्पूरी संदेश यात्रा’ शुरू!

सामाजिक न्याय आंदोलन और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन ने किसान आंदोलन के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए शहीद जगदेव प्रसाद कुशवाहा के जन्म दिवस 2 फरवरी से जारी अभियान के क्रम में 6 फरवरी से बिहार में ‘शहीद जगदेव-कर्पूरी संदेश यात्रा शुरू की गई है। यह यात्रा ‘शहीद जगदेव-कर्पूरी का संदेश, बहुजन हो एक’ और ‘ब्राह्मणवादी-पूंजीवादी हमले के खिलाफ संघर्ष करो तेज’ के आह्वान के साथ गांव-गांव तक पहुंचेगी। ये यात्रा शहीद जगदेव प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर के विचारों और विरासत पर चर्चा के साथ किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों, मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं, सरकारी शिक्षा को बर्बाद करने वाली नई शिक्षा नीति 2020, बेरोजगारी और वंचितों की वंचना बढ़ाने वाली विनिवेश और निजीकरण की नीति का फर्दाफाश करेगी।

यात्रा में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आरक्षण और सामाजिक न्याय पर किए जा रहे हमले, लोकतंत्र को कमजोर करने और जातिगत जनगणना की जरूरत और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रिंकु यादव एवं बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के सोनम राव ने बताया कि यह यात्रा 23 फरवरी तक चलेगी। 23 फरवरी को भागलपुर में जुटान होगा और मार्च निकाला जाएगा।

7 फरवरी को शहीद जगदेव-कर्पूरी संदेश यात्रा का बिहपुर प्रखंड में दूसरा दिन रहा। जबकि आगे सुल्तानगंज प्रखंड में 11 फरवरी को तिलकामांझी के शहादत दिवस से यात्रा शुरु होगी। बिहपुर में यात्रा के क्रम में बिक्रमपुर, मिल्की, कठौतिया, अरसंडी सहित कई गांवों में संवाद व सभा हुई। अरसंडी में पेरियार ललई सिंह यादव को श्रद्धांजलि भी दी गई।

इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के हरेक फैसले से 90 प्रतिशत बहुजन धन, धरती, राजपाठ व शिक्षा-रोजगार और संवैधानिक-लोकतांत्रिक अधिकारों से बेदखल हो रहा है। गुलामी, भूख व अधिकार हीनता के अंधेरे की तरफ धकेला जा रहा है।  उसके हिस्से की सारी उपलब्धियां खत्म हो रही है। जबकि भारतीय समाज में धन-संपदा, नौकरी, शिक्षा एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व सभी मामलों-जीवन के हर क्षेत्र में मनुस्मृति आधारित वर्ण-जाति आधारित असमानता का श्रेणी क्रम आज भी पूरी तरह कायम है।

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के अंजनी और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के अनुपम आशीष ने कहा कि सरकारी उपक्रमों-क्षेत्रों के निजीकरण व बिकने से सरकारी नौकरी खत्म हो रही है और एससी, एसटी व ओबीसी का आरक्षण भी खत्म हो रहा है। निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू नहीं है। निजीकरण अंतत: बहुजनों के ही खिलाफ है। दूसरी तरफ, सवर्ण आरक्षण के जरिए सवर्णों का वर्चस्व बढ़ रहा है तो एससी, एसटी व ओबीसी के आरक्षण की लूट हो रही है।

यात्रा में प्रमुख तौर पर निर्भय कुमार, अखिलेश शर्मा, परवेज आलम, इंदल शर्मा, फैय़ाज आलम, दीपक रविदास, अरूण महतो, इनोद पासवान, पंकज कुमार, तबरेज आलम, अनील शर्मा, अमर मंडल, सुनील यादव, अरविंद यादव, रूपक यादव, अंबेडकर भारती, पंकज पंडित लखन लाल यादव, सुबोध मंडल सहित कई साथी शामिल थे।

दूसरी तरफ सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के बैनर तले आज सुल्तानगंज के ए.के.गोपालन कॉलेज के हॉल में ललई सिंह यादव और रमाबाई अंबेडकर को याद किया गया। 7 फरवरी को ललई सिंह यादव का परिनिर्वाण दिवस था तो रमाबाई अंबेडकर का जन्म दिवस।

इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रिंकु यादव ने कहा कि ललई सिंह यादव ब्राह्मणवाद विरोधी विद्रोही चेतना के प्रतीक हैं। उन्होंने त्याग व प्रतिबद्धता की मिसाल कायम की। दूसरी तरफ, रमाबाई अंबेडकर डॉ.भीमराव अंबेडकर के साथ दुःख-पीड़ा,भूख और मुश्किल दौर में साझीदार रहीं.वे डॉ. अंबेडकर के योगदान के हिस्सेदार हैं।

बुद्धिजीवी प्रो.अर्जुन यादव ने कहा कि ललई सिंह यादव ने बहुजन विचार व संघर्ष परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शोषितों-वंचितों को ब्रह्मणवादी मूल्यों-मान्यताओं, अज्ञानता-अंधविश्वास,जातिवाद की जकड़नों से मुक्त कराने और स्वाभिमान-सम्मान व अधिकार की भावना से लैस करने का काम जीवनपर्यंत किया। उनका साफ मानना था कि बहुजनों की मुक्ति का मार्ग धर्मशास्त्र व मंदिर नहीं है। बल्कि उच्च शिक्षा, व्यवसाय-रोजगार व उच्च आचरण-नैतिकता से आगे बढ़ा जा सकता है।

ए.के.गोपालन डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल उमेश यादव ने कहा कि ललई सिंह यादव ने बहुजनों का आह्वान करते हुए कहा था- धर्मग्रंथों का अखंड पाठ करने, यज्ञों में आहुति देने व मंदिरों में माथा टेकने से तुम्हारी दासता दूर नहीं होगी। भाग्य व ईश्वर के भरोसे मत रहो, तुम्हें अपना उद्धार खुद करना होगा।

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रामानंद पासवान ने कहा कि बिहार-यूपी जैसे राज्यों में बहुजन राजनीतिक पार्टियों का पतन व भटकाव का महत्वपूर्ण कारण है कि इन पार्टियों ने अपने वैचारिक जड़ों से रिश्ता तोड़ लिया, अपने नायकों को भुला दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व में जारी मनुवादी हमले का मुकाबला करने के लिए हमें बहुजन नायकों के विचारों से रौशनी लेनी होगी, उनके संघर्षों की विरासत को बुलंद करना होगा।

कार्यक्रम के अंत में शहीद जगदेव-कर्पूरी संदेश यात्रा की तैयारी पर चर्चा हुई। सुल्तानगंज प्रखंड में यात्रा की शुरुआत 11 फरवरी-तिलकामांझी शहादत दिवस के मौके पर सीतारामपुर के बुद्धनगर के बुद्ध मंदिर परिसर में सभा से होगी।

कार्यक्रम में शंकर बिंद, शंकर दास, विजय दास, भूमि राय, बबलू राम, बजरंगी बिंद, संजीव मंडल, डब्लू पासवान, संजीत मांझी, सुजीत सहित कई लोग शामिल रहे।


विशद कुमार, स्वतंत्र पत्रकार हैं और लगातार जन-सरोकार के मुद्दों पर मुखरता से ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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