रिहा होकर गरजे लल्लू- ‘दलितों, पिछड़ों और मज़दूरो के लिए हज़ार बार जाऊँगा जेल !’

यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जेल से रिहा हो गए हैं। लल्लू अपनी गिरफ्तारी के 29 वें दिन जेल से रिहा हुए हैं। उन्हें यूपी सरकार ने 20 मई से लखनऊ के जिला कारागार में कैद कर रखा था। जेल से निकलने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि वो शोषितों, वंचितों और मजदूरों की आवाज को निरंतर उठाते रहेंगे। जेल की दीवारें हमारे मजबूत इरादों को नहीं रोक सकतीं। शोषित, वंचित, दलित, पिछड़े और मजदूरों के लिए अगर अजय लल्लू को एक बार नहीं, हजार बार भी जेल जाना पड़े तो अजय लल्लू के कदम कभी पीछे नहीं हटेंगे।

अजय लल्लू ने कहा कि “मैं संघर्ष की कोख से पैदा हुआ हूं, राहुल गांधी का सिपाही हूं। मुकदमे राजनीति में ईनाम होते हैं और जेल अस्थाई घर होता है। अजय लल्लू न कभी डरा है, न कभी डरेगा। ये डरे हुए मुख्यमंत्री हैं, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है ये सरकार। इन्हें शोषितों, वंचितों, गरीबों और मजदूरों से कोई लेना देना नहीं है, इसलिए ये दमन करना चाहते हैं।

https://twitter.com/AjayLalluINC/status/1273290139679158276

अजय कुमार लल्लू पर यूपी सरकार ने आगरा में लॉकडाउन के नियमों का उल्लघंन करने और प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस की ओर से दी गई बसों की सूची में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था और गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष जमानत मंजूर की थी। जिसके बाद आज उनकी रिहाई हो सकी।

जिला कारागार पर मजदूरों के जत्थे ने सबसे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत किया। बेहद सादगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कांग्रेसजनों ने अपने प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत किया। इस दौरान यूपी सरकार ने जेल परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया था।

अजय कुमार लल्लू के स्वागत के लिए जेल के बाहर खड़े मजदूर

जेल से रिहा होने के बाद सबसे पहले अजय कुमार लल्लू हजरतगंज पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबासाहेब अम्बेडकर और सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

 

एक जून को एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई। जहां से उनको जमानत मिल गई। कांग्रेस ने कोर्ट में दलील दी थी कि बस सूची विवाद में अजय कुमार लल्लू की कोई भूमिका नहीं है। उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।

दरअसल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने घरों को पैदल लौट रहे प्रवासियों की मदद करने के लिए अपनी तरफ से 1000 बसें चलाने का प्रस्ताव यूपी सरकार को दिया था। पहले 17 मई को तो सरकार ने प्रस्ताव को नकार दिया और यूपी की सीमा से 500 बसों को वापस भेज दिया। लेकिन 18 मई को सरकार ने कांग्रेस के प्रस्ताव स्वीकारते हुए वाहनों की लिस्ट के साथ चालकों-परिचालकों के नाम, बसों की फिटनेस व प्रदूषण प्रमाणपत्र के साथ बसों को लखनऊ लाने को कहा। इसी बीच सरकार ने कांग्रेस पर फर्जी लिस्ट देने का आरोप लगा दिया। और फर्जी लिस्ट देने के आरोप में अजय लल्लू गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।


 

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