काँग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए नौजवान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में आज शामिल होने उनके रामपुर स्थित गाँव पहुँचीं। उन्होंने नवरीत के परिजनों से मुलाकात कर कहा कि वे अकेले नहीं हैं, कांग्रेस कृषि क़ानून की वापसी तक संघर्ष करेगी। नवरीत का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। प्रियंका गाँधी ने इसम मौक़े पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों का दर्द नहीं समझती।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आज दिल्ली के मुख्यालय पर सुबह से ही जमावड़ा लग गया था। यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को अपनी कार में साथ लेक प्रियंका गाँधी जब रामपुर के लिए रवाना हुईं तो गाड़ियों का बड़ा काफ़िला बन गया। रामपुर के दिबदिबा गाँव में नवरीत के घर जाकर उन्होंने दुखी परिजनों से मुलाकात की और एक संक्षिप्त मगर भावुक भाषण भी दिया। उन्होंने कहा कि वे अपने अनुभव से जानती हूँ कि एक शहीद के परिवार शहादत को कभी भूल नहीं सकता। परिवार हमेशा चाहता है कि शहादत व्यर्थ न जाये। प्रियंका ने कहा कि नवरीत 25 साल के थे। उनका बेटा 20 साल का है। ये नौजवान बेटे किसानों का साथ देने के उत्साह में वहाँ गये थे। उनका जाना कोई राजनीतिक साज़िश नहीं थी। इसलिए गये क्योंकि उन्हें मालूम था कि ज़ुल्म हो रहा था। सोचा होगा कि सब इकट्ठा होंगे तो सरकार पर दबाव बढ़ेगा। गुरु गोविंद सिंह ने कहा था कि ज़ुल्म करना पाप है पर उसे सहना उससे भी बड़ा पाप है। प्रियंका ने कहा कि सबसे बड़ा जुल्म है तीनों कृषि कानूनों को वापस न लिया जाना, पर इससे भी बड़ा जुल्म है किसानों को आतंकवादी कहना।
एक शहीद का परिवार उसकी शहादत को कभी भूल नहीं सकता; वो उस शहादत को हमेशा के लिए अपने दिल में रखता है। उस अपने की शहादत से उसके दिल में सिर्फ एक तमन्ना जागती है कि शहादत व्यर्थ ना हो: श्रीमती @priyankagandhi#कांग्रेस_सदैव_किसानों_के_साथ pic.twitter.com/Eizdm3hnM9
— Congress (@INCIndia) February 4, 2021
प्रियंका गाँधी का नवरीत के घर जाना बताता है कि उन्होंने कांग्रेस को जमीनी स्तर पर लड़ाई के लिए तैयार करने की जद्दोजहद तेज़ कर दी है। समाजवादी पार्टी और बीएसपी नेतृत्व के संघर्ष की हिचक ने कांग्रेस को यूपी में खोयी ज़मीन वापस पाने का मौक़ा दिया है और प्रियंका गाँधी कोई चूक नहीं करना चाहतीं। बूथ स्तर पर कांग्रेस का संगठन बनाया जा रहा है। प्रियंका के अंतिम अरदास में शामिल होने से ये सवाल फिर उठ खड़ा हुआ है कि आख़िर नवरीत की मौत हुई कैसे।
नवरीत के घर वालों के मुताबिक 26 जनवरी को गोली लगने के बाद ट्रैक्टर पलटने से ये शहादत हुई थी,लेकिन पुलिस का दावा है कि गोली नहीं चली थी। हादसा ट्रैक्टर पलटने से ही हुआ। इस बाबत ट्वीट करने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई और मृणाल पाण्डेय समेत पाँच वरिष्ठ पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज हुआ है।
बहरहाल, इस बीच तमाम ऐसे प्रमाण आये हैं जिससे पुलिस के दावे पर संदेह गहरा गया है। मीडिया विजिल समेत भारत की कुछ वेबसाइटों ने गंभीर पड़ताल करके कुछ सवाल उठाये हैं। लंदन से प्रकाशित अख़बार गार्जियन ने भी विशेषज्ञों के हवाले से छापा है कि नवरीत के सिर पर गोली लगी थी। दरअसल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी लिखा है कि नवरीत के चेहरे पर एक ओर दो सेेंटीमीटर का छेद है और दूसरी ओर भी। यह गोली जैसी चीज़ के ही इधर से उधर जाने का प्रमाण है।
साफ़ है कि प्रियंका गाँधी के जाने से नवरीत की शहादत का सवाल फिर से गहरा जायेगा। आप मीडिया विजिल की यह ख़ास रिपोर्ट देखकर समझ सकते हैं कि परिजनों को अपने दावे में इतना दम क्यों लग रहा है।