ज़रूरी सामान के ट्रक रोकने का BJP IT सेल का दावा झूूठा, बैरीकेड सरकार के- SKM

सयुंक्त किसान मोर्चा प्रेस नोट

 

भाजपा आईटी सेल द्वारा लगातार प्रचार किया जा रहा है कि किसानों के धरने कोरोना से लड़ाई में बाधा डाल रहे है। यह झूठ फैलाया जा रहा है कि किसानों ने ऑक्सिजन से भरे ट्रक और अन्य जरूरी सामान के वाहन दिल्ली की सीमाओं पर रोके हुए है। किसानों पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है वे कोरोना फैला रहे है।

सयुंक्त किसान मोर्चा इन तमाम प्रयासों की निंदा व विरोध करता है। किसानों की कभी मंशा नहीं रही है कि वे सड़कों पर सोए, अपने घरों व ज़मीन से दूर रहें। सरकार ने अमानवीय ढंग से इन कानूनों को किसानो पर थोपा है। किसान कुछ नया नहीं मांग रहे है, वे सिर्फ उसको बचाने की लड़ाई रहे है जो उनके पास है। इस अस्तित्व की लड़ाई में वे कोरोना से भी लड़ रहे है ओर सरकार से भी।

लगातार हड़ताल, भारत बंद, रेल जाम करने के बाद भी जब सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी तो किसानों ने मजबूरी में दिल्ली का रुख किया। 26 नंवबर को किसान दिल्ली के अंदर आकर शांतिपूर्ण धरना करना चाहते थे परंतु किसानों को वहां तक पहुंचने नहीं दिया गया। 26 जनवरी की सरकार द्वारा सुनियोजित हिंसा के बाद दिल्ली की सीमाओं पर बड़े बड़े बैरिकेड, कीलें, पत्थर लगा दिए गए। पैदल जाने तक का रास्ता नहीं छोड़ा। हालांकि आसपास के लोगों ने किसानों का समर्थन किया व वैकल्पिक रास्ते खोले। किसानों ने पहले दिन से ही जरूरी सेवाओ के लिए रास्ते खोले हुए है। सरकार द्वारा लगाए गए भारी बैरिकेड सबसे बड़े अवरोध है। हम सरकार से अपील करते है कि दिल्ली की तालाबन्दी तोड़ी जाए ताकि किसी को कोई समस्या न हो। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है पर मानवीय आधार पर किसान देश के आम नागरिक के साथ है।

सयुंक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर किसानों मजदूरो के बड़े जत्थे दिल्ली की तरफ आना शुरू हो गए है। किसान फसल की कटाई के तुरंत बाद सिंघु, टिकरी, गाज़ीपुर, शाहजहांपुर मोर्चो को संभालने वापस आ रहे है। अगर सरकार को किसानों की सेहत की इतनी ही चिंता है तो तुरन्त तीन कानून रद्द करें व MSP पर कानून बनाएं।

देशभर से प्रवासी मजदूरों के लंबी यात्राएं की खबरें आ रही है। दरअसल यह खतरा उन्ह नवउदारवादी नीतियों का परिणाम है जिसका एक बड़ा भाग यह तीन कृषि कानून है। खुले बाजार व निजीकरण की नीतियों का ही परिणाम है कि आज हज़ारो लाखो की संख्या में मजदूर शहरों में सस्ती मजदूरी के लिए भटक रहे है। सरकार खेती सेक्टर को मजबूत करने की बजाय खेती संकट पैदा करके शहरों में सस्ते मजदूर पैदा करना चाहती है पर अब किसान मजदूर इन नीतियों के खिलाफ हर हालत में डटकर लड़ेंगे।

गाज़ीपुर मोर्चे के किसान संगठनों व कार्यकर्ताओं ने खाने के पैकेट बना दिल्ली के बस अड्डो व स्टेशनों पर बाँटने शुरू कर दिये है। कल आंनद विहार बस अड्डे पर प्रवासी मजदूरों को खाने के पैकेट वितरित किये गये।

– डॉ दर्शन पाल

सयुंक्त किसान मोर्चा

(146 वां दिन, 21 अप्रैल 2021)

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