लखीमपुर नरसंहार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल, किसान के परिजन दोबारा कराने पर अड़े

लखीमपुर में किसानों की मौत पर बवाल जारी है। घटना में मारे गए चार किसानों में से एक गुरुविंदर सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर परिजन फिर से पोस्टमार्टम कराने पर अड़ गए हैं। परिजनों ने मंत्री के बेटे को बचाने का आरोप लगाते हुए पोस्टमार्टम में गड़बड़ी की बात कही है। परिजनों का ये भी आरोप है कि पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी नहीं की गई है। परिजनों ने मांग की है कि किसी अन्य राज्य में गुरविंदर के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाए।

रविवार 3 अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी के तिकुनियां कस्बे में हुई घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। लखीमपुर में हुई हिंसा में मारे गए सभी आठ लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। घटना के बाद किसानों ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष पर गाड़ी से कुचलने का आरोप लग रहा है हालांकि मंत्री का कहना है की घटना वाले दिन बेटा शहर में ही मौजूद नही था।

बता दें कि घटना के दौरान वहां गोली भी चलाई गईं थी। हिंसा में मारे गए लोगो का पोस्टमार्टम कराने के लिए डॉक्टरों के दो पैनल बनाए गए। पांच घंटे पोस्टमार्टम चला। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई। वारदात में मारे गए लोगो की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है और यह बात साफ हो गया की चार लोगों की मौत गाड़ी से कुचलने और खून बहने से हुई जबकि तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं और पत्रकार रमन कश्यप की मौत लिंचिंग के कारण हुई। किसी की भी मौत गोली लगने से नहीं हुई।

अत्यधिक रक्तस्राव भी मृत्यु का कारण..

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चारों किसानों लवप्रीत सिंह, गुरविंदर सिंह, दलजीत सिंह और नक्षत्र सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि सदमे और हैमरेज के अलावा अत्यधिक रक्तस्राव से उनकी मृत्यु हुई। रिपोर्ट में गुरविंदर के शरीर पर किसी धारदार हथियार के निशान भी मिले हैं। वहीं, अन्य तीन को वाहन ने कुचल दिया या वे वाहन के पहिए में फंसकर घसीटते रहे। जिससे उनकी मौत हुई।

 

First Published on:
Exit mobile version