केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किया 26 जून के ‘कृषि बचाओ-लोकतंत्र बचाओ’ आह्वान का समर्थन!

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ऑफ पंजाब के नेतृत्व में हजारों शिक्षक आज टिकरी बॉर्डर पहुंचे। इसके अलावा कई जगहों पर कॉरपोरेट हाउस आउटलेट्स, टोल प्लाजा और अन्य जगहों पर स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन जारी है। पंजाब में 100 से ज्यादा जगहों पर ऐसे पक्के मोर्चा जारी हैं, कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन के 250 दिन से ज्यादा पूरे हो रहे हैं।

लाखों श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 जून 2021 को “कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ” दिवस का समर्थन किया; संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रेड यूनियनों को उनके निरंतर समर्थन और एकजुटता के लिए धन्यवाद दिया।

एसकेएम चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने और सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ श्रमिकों के जारी संघर्ष को समर्थन दिया।

किसानों और समर्थकों का बड़े दल विभिन्न विरोध स्थलों पर पहुंच रहे है।

भारत के लाखों श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के साथ-साथ अन्य ट्रेड यूनियन निरंतर सक्रिय रूप से एसकेएम की तीन कृषि कानूनों और बिजली विधेयक को निरस्त करने तथा एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की मांगों का समर्थन करता रहा है। 26 मई को एसकेएम के आह्वान पर पूरे देश में लाखों श्रमिकों ने सशरीर भाग लिया था। एकजुटता और समर्थन के इस क्रम को जारी रखते हुए दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने एक बार फिर 26 जून 2021 को पूरे देश में प्रायोजित “कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ” दिवस के आह्वान का समर्थन दिया है। एसकेएम ने इस पर गौर करते हुए किसान-मजदूर एकता की इस अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया है। एसकेएम चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने और सार्वजनिक क्षेत्र तथा अन्य क्षेत्रों के निजीकरण के खिलाफ जारी श्रमिकों के संघर्ष के समर्थन की भी घोषणा करता है। संघर्ष में बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही एसकेएम और ट्रेड यूनियनों की बैठक होने की उम्मीद है।

इस बीच, किसान अपनी कृषि उपज का उचित और लाभकारी मूल्य पाने के लिए स्थानीय विरोध और संघर्ष को जारी रखे हुए हैं। हाल ही में तेलंगाना में ज्वार किसान अपने लगातार विरोध के लिए चर्चा में थे, वहीं महाराष्ट्र में दूध उत्पादकों ने भी अपने आंदोलन की घोषणा की है।

दिल्ली बॉर्डर के विभिन्न मोर्चों पर और अधिक आन्दोलनकारी पहुंच रहे हैं। बीकेयू टिकैत के नेतृत्व में किसानों का एक बड़ा दल बुलंदशहर से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हुआ। प्रदर्शनकारी यहां 90 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा कर आ रहे हैं।

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ऑफ पंजाब के नेतृत्व में हजारों शिक्षक आज टिकरी बॉर्डर पहुंचे। इसके अलावा कई जगहों पर कॉरपोरेट हाउस आउटलेट्स, टोल प्लाजा और अन्य जगहों पर स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन जारी है। पंजाब में 100 से ज्यादा जगहों पर ऐसे पक्के मोर्चा जारी हैं, कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन के 250 दिन से ज्यादा पूरे हो रहे हैं।

हरियाणा के जींद जिले के खटकर टोल प्लाजा पर बीती रात एक प्रदर्शनकारी किसान ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। बताया जा रहा है कि चल रहे संघर्ष पर सरकार की ओर से प्रतिक्रिया न मिलने से वह व्यथित थे।

जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चारुनी, हन्नान मुल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव
संयुक्त किसान मोर्चा

9417269294, samyuktkisanmorcha@gmail.com

संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस नोट (202वां दिन, 16 जून 2021)

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