किसान आंदोलन 129वें दिन भी जारी रहा, 5 अप्रैल को FCI दफ़्तरों का होगा घेराव!

रात को सिरसा प्रशासन व पार्टियों ने साथ मिल कर इस किसान चौक को उखाड़ दिया है। पूरे देश से शहीदों की भूमि से आई से बने मटके को भी नुकसान पहुंचाया व अपमान किया गया है। सयुंक्त किसान मोर्चा इस घटना की कड़ी निंदा करता है। यह एक और मौका है जहां से भाजपा ने यह सिद्ध किया है कि वे किसानों से असहमत ही नहीं बल्कि घोर विरोधी भी है।

संयुक्त किसान मोर्चा का सत्याग्रह आज 129वें दिन भी जारी रहा। कल 5 अप्रैल को FCI बचाओ दिवस मनाते हुए देशभर में FCI के दफ्तरों का घेराव किया जाएगा। इस दौरान उपभोक्ता मामले मंत्री के नाम ज्ञापन पत्र दिया जाएगा।

कल 3 मार्च को सुबह 3 बजे दांडी से चलकर मिट्टी सत्याग्रह यात्रा सिरसा पहुँची थी जिसकी अगुवाई मेधा पाटेकर जी कर रही है। यहां सिरसा में शहीद किसानों की याद में किसान चौक बनाया गया। उसके बाद मिट्टी सत्याग्रह यात्रा मानसा पंजाब की तरफ़ रवाना हो गयी।

रात को सिरसा प्रशासन व पार्टियों ने साथ मिल कर इस किसान चौक को उखाड़ दिया है। पूरे देश से शहीदों की भूमि से आई से बने मटके को भी नुकसान पहुंचाया व अपमान किया गया है। सयुंक्त किसान मोर्चा इस घटना की कड़ी निंदा करता है। यह एक और मौका है जहां से भाजपा ने यह सिद्ध किया है कि वे किसानों से असहमत ही नहीं बल्कि घोर विरोधी भी है।

देशभर से शहीदों की धरती से इक्कठी कर लाई गई मिट्टी से दिल्ली के मोर्चो पर शहीद स्मारक बनाये जाएंगे। इन कार्यक्रमों की रूपरेखा इस प्रकार है।

5 अप्रैल-
शाहजहांपुर बॉर्डर- सुबह 9 से 11 बजे

टिकरी बॉर्डर – (पकौड़ा चौक) , बहादुरगढ़ दोपहर 2 बजे
टिकरी बॉर्डर- मेट्रो के पास शाम 4 बजे
6 अप्रैल-
गाजीपुर बॉर्डर सुबह 9 से 11 बजे
सिंघु बॉर्डर- दोपहर 2 बजे

– डॉ दर्शन पाल
सयुंक्त किसान मोर्चा

 

5 अप्रैल को दिया जाने वाला ज्ञापन–

सेवा में

उपभोक्ता मामले मंत्री,
भारत सरकार

मार्फ़त —–

विषय – एफसीआई की कमजोर स्थिति के बारे में और खरीद प्रणाली को मजबूत करने के लिए एफसीआई को मांग पत्र

आदरणीय, …

पिछले साल भारत सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी लिए किसान कई महीनों से लड़ रहे हैं। किसान अपनी फसलों के मूल्य को लेकर चिंतित है। एफसीआई सहित प्रमुख खरीद एजेंसियां ​​खरीद से दूर भाग रही हैं।

हम आज आपके समक्ष एफसीआई कार्यालयों की घेराबंदी के माध्यम से अपनी मांगें रख रहे हैं। अगर ये मांगें तुरंत पूरी नहीं हुईं तो संघर्ष तेज किया जाएगा।

1. गेहूं की खरीद के लिए जमाबन्दी जमा करने के फैसले को वापस लिया जाना चाहिए। फसल का भुगतान काश्तकार को किया जाना चाहिए।

2. सीधे बैंक खाते में भुगतान की व्यवस्था वर्तमान समय में वापस की जानी चाहिए। इसे जल्दबाज़ी में लागू करने से कई जटिल समस्याएं पैदा हो सकती हैं जो किसानों को फसल की कीमत चुकाने में बाधा उत्पन्न करेंगी।

3. निर्धारित एमएसपी पर पर या उससे ऊपर के मूल्य पर ही खरीद की जानी चाहिए और उस कीमत से नीचे के खरीददारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

4. भारत सरकार FCI का लगातार बजट कम कर रही है। साथ ही, एफसीआई के खरीद केंद्रों को कम कर दिया गया है। हम मांग करते हैं कि एफसीआई के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जाए और इसका पूरा उपयोग किया जाए।

5. लाखों करोड़ो लोगों के लिए भोजन का स्रोत एफसीआई के माध्यम से पीडीएस सेवा है। सरकार द्वारा भंडारण जारी रखा जाना चाहिए और सुचारू रूप से चलना चाहिए ताकि लोगों को भूख से पीड़ित न होना पड़े।

5. किसान की फसल खरीद की प्रक्रिया को न्यूनतम समय मे पुरा किया जाना चाहिए। बारदाना और अन्य सुविधाओं की कमी के कारण किसानों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े।

6. एफसीआई के कच्चे कर्मचारियों से पक्के किये जाए और रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए।

 

धन्यवाद

संयुक्ता किसान मोर्चा और विभिन्न संगठन

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