रफ़ाल दलाली का मामला नया है, पर अंबानी का डिनर खाने तो 90 के दशक में ही जाते थे मोदी!

 

रवीश कुमार

 

1990 के दशक में धीरू भाई अंबानी ने नरेंद्र मोदी को खाने पर बुलाया था। तभी उन्होंने कहा था कि ये लंबी रेस का घोड़ा हैं। प्रधानमंत्री बनेंगे। अनिल अंबानी ने प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर टाइम्स ऑफ़ इंडिया में लिखा है।17 सितंबर 2016 को। इस लेख से पहली बार पता चला कि प्र म जी सिर्फ गुफ़ाओं में तपस्या नहीं कर रहे थे। कामिक्स बुक बाल नरेंद्र की कथा के अनुसार मगरमच्छ को क़ाबू नहीं कर रहे थे बल्कि धीरू भाई अंबानी के यहाँ डिनर भी कर रहे थे। वैसे किस किस ने उनके यहाँ डिनर या लंच नहीं किया होगा। इस मामले में कांग्रेसी नेताओं के भी लिस्ट निकलेंगे। डिनर करना ग़लत बात नहीं है। मिलना जुलना चाहिए। हैरानी का बात ये है कि ये बात बाल नरेंद्र के लेखक को मालूम नहीं थी वर्ना लोकसभा के चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री पर बने कामिक्स बुक में यह बात भी होती। इस बयान में अनिल धीरू भाई अंबानी जी ने प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए कहा है कि उनकी क़िस्मत है कि अंबानी परिवार उन्हें निजी तौर पर जानता है। यानी मुख्यमंत्री बनने से पहले 1990 के दशक में मोदी जी धीरूभाई के साथ डिनर कर चुके थे। तब काफ़ी कम उम्र रही होगी।

एनिवे। संबंधों से मौजूदा विवाद का क्या संबंध है। जिन लोगों ने फ़ोटो लेकर लाल से घेर कर विवाद पैदा करने की राजनीति शुरू की है वो जाने क्या करना है। आदरणीय अनिल अंबानी जी ने नरेंद्र भाई में नरा और इंद्र के दर्शन किए हैं। यानी वे राजाओं के राजा लगे हैं। यह पढ़ना मेरे लिए भी किसी भावुक क्षण से कम नहीं था। लोग बहुत फ़ालतू हो गए हैं। केवल बिज़नेस और पोलिटिक्स देखते हैं। ह्यूमन एंगल देखते भी नहीं।

सवाल है कि जब डील से ठीक 17 दिन पहले तक भरी सभा में रफाएल विमान बनाने वाली कंपनी डास्सो एविएशन के सीईओ कह रहे थे कि हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लि से बातचीत अंतिम चरण में है ओर जल्दी दस्तखत हो जाएगा त वह कंपनी कैसे ग़ायब हो गई। 10 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री पेरिस जाते हैं और डील साइन होती है। उनकी यात्रा के दो दिन पहले भारत के विदेश सचिव पत्रकारों से कहते हैं कि हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड डील का हिस्सा है। तो फिर आख़िर चंद दिनों में अनिल अंबानी की नई नवेली कंपनी कैसे पार्टनर बन गई। ये बेसिक क्वेश्चन है।

जवाब में मंत्री नेहरू के समय का जीप घोटाला गिना रहे हैं तो एक मंत्री कह रहे हैं कि पाकिस्तान को पता चल जाएगा। तो आप ऐसा इंटरनेट बना दो कि पाकिस्तान वाले भारत के अख़बार और चैनल न देख पाएँ ! मोदी सरकार को एक नया मंत्रालय बनाना चाहिए। कुतर्क मंत्रालय। बीजेपी के बंगाल उपाध्यक्ष ने तो ट्वीट किया है कि अगर राहुल के पास सबूत हैं तो मैं उन्हें चुनौती देता हूँ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गिरफ़्तार कर दिखाएँ वर्ना जेल जाने के लिए तैयार रहे हैं। मज़े की बात है कि उन्होंने पीएम को भी टैग किया है। क्या आप वाक़ई कुतर्क समझने योग्य है? अगर हैं तो फिर अलग से कुतर्क मंत्रालय बनाने की ज़रूरत नहीं है!

लेखक मशहूर टी.वी. पत्रकार हैं।

 



 

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