संजय कुमार सिंह
म
टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस खबर को लीड बनाया है। शीर्षक है, “मध्य प्रदेश में 75 प्रतिशत वोट पड़े, 3 प्रतिशत ईवीएम में गड़बड़ी रही”। टाइम्स की खबर के मुताबिक, “2236 ईवीएम में गड़बड़ हुई। अकेले सतना जिले में 20 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों को बदलना पड़ा। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बीएल कांताराव ने कहा कि करीब तीन प्रतिशत वीवीपैट को बदलना पड़ा”। हिन्दुस्तान टाइम्स ने मतदान की खबर को पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम में छापा है। “मध्यप्रदेश चुनाव में मतदान बढ़े, कांग्रेस ने खराब ईवीएम की शिकायत की” शीर्षक से। इंडियन एक्सप्रेस में पहले पन्ने पर तीन कॉलम में एक फोटो है जिसमें मतदाता कतार में खड़े दिखाई दे रहे हैं। बड़े फौन्ट में फोटो का ‘शीर्षक’ है, “मध्य प्रदेश में 74.6% मतदान।” पूरा कवरेज अंदर होने की सूचना है पर अंदर जो खबर है उसके शीर्षक में ईवीएम नहीं है। टेलीग्राफ में भी मतदान की खबर तो है। ईवीएम की नहीं।
हिन्दी अखबारों में दैनिक भास्कर में पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम खबर है, “मध्य प्रदेश में 75 फीसदी वोट पड़े, पिछली बार से करीब 3% ज्यादा”। इसके साथ बताया गया है, पेज 6 भी देखें। अंदर छह कॉलम में लीड है, दो राज्यों में वोटिंग। चुनाव विशेष इस पन्ने पर खबर का फ्लैग शीर्षक है, “मध्य प्रदेश और मिजोरम में वोटिंग खत्म, मिजोरम में 6 बजे तक 80% मतदान”। मुख्य शीर्षक है, “मध्य प्रदेश में 67 साल में सबसे ज्यादा 75% वोटिंग, राज्य में वोटिंग बढ़ने पर भाजपा को फायदा होता है”। उपशीर्षक है, “2013 में राज्य में 72.07% वोट पड़े थे, तब 3% ज्यादा वोटिंग होने से भाजपा को 22 सीटें ज्यादा मिलीं”। ईवीएम की चर्चा यहां भी नहीं है।
नवभारत टाइम्स में पहले पेज पर फास्ट न्यूज में दो लाइन का शीर्षक और चार लाइन की खबर है। शीर्षक में ईवीएम नहीं है और पेज 10 पर खबर होने की सूचना है। राज्यों का रण/विशुद्ध राजनीति की खबरों के पेज पर तीन कॉलम में खबर का शीर्षक है, “नेता ईवीएम की शिकायत में जुटे रहे, लोग वोट देते रहे”। दैनिक हिन्दुस्तान में भी ईवीएम की चर्चा नहीं है। पहले पेज पर टॉप में लगी खबर का शीर्षक है, मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए रिकार्ड तोड़ मतदान। दैनिक जागरण में सिंगल कॉलम खबर का शीर्षक है, मध्य प्रदेश में फिर टूटा रिकार्ड, 75 फीसद हुआ मतदान। महासमर पेज 11 पर होने की सूचना है। यहां भी ईवीएम नहीं है।
अमर उजाला में भी सिंगल कॉलम की खबर है। मिजोरम में 80 प्रतिशत तो मध्य प्रदेश में 75 मतदान। पेज 11 देखने के इशारा है। यहां , “मध्य प्रदेश में 75% वोटिंग, बीच मतदान बदलनी पड़ी 3890 मशीनें” फ्लैग शीर्षक है। छह कॉलम में मुख्य शीर्षक है, “ढाई फीसदी ज्यादा वोट पड़े, पिछली बार इतनी ही ज्यादा वोटिंग से बढ़ गई थीं भाजपा की 22 सीटें”। इस मुख्य खबर के साथ कई खबरें हैं। इनमें दो ईवीएम की हैं। एक का शीर्षक है, खराब ईवीएम से मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी जूझे और दूसरी होटल में ईवीएम मिलने तथा इस मामले में अधिकारी को निलंबित किए जाने की सूचना है। इसके साथ यह भी बताया गया है कि मतदान के दौरान कुल 386 शिकायतें मिलीं थीं। सबका निराकरण कर दिया गया है। सबसे ज्यादा शिकायतें सतना से प्राप्त हुईं।
नवोदय टाइम्स में पहले पेज पर सिंगल कॉलम की खबर है, मप्र में मतदान में बढ़ोतरी, मिजोरम में आई गिरावट। इसके साथ अकु श्रीवास्तव की विशेष टिप्पणी है, बंपर वोटिंग के अपने-अपने अर्थ। पर ईवीएम यहां भी नहीं है। राजस्थान पत्रिका में पहले पेज पर मध्य प्रदेश और मिजोरम में मतदान की खबर सिंगल कॉलम में है। ईवीएम की चर्चा नहीं है।
इसके बाद आप भिन्न सूत्रों से मिली ईवीएम से जुड़ी शिकायतों की खबर पढ़ सकते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद ने भी मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बीएल कांताराव से की है। गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के नौ मतदान केंद्रों में वीपीपेट और बैलेट यूनिट में तकनीकी खराबी के कारण दो घंटे की देरी से मतदान शुरू हो पाया। भोपाल उत्तर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी फातिमा सिद्दीकी ने मतदान शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दो मतदान केंद्रों की ईवीएम खराब होने पर मतदान केंद्र के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। भोपाल में चार इमली और शाहपुरा में ईवीएम खराब होने से वोटिंग 20 मिनट देरी से शुरू हुई।
इवीएम के मुद्दे पर मध्य प्रदेश विधानसभा के विपक्ष के नेता अजय सिंह ने भी प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोकतंत्र के चीरहरण की साजिश कर रही है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। अजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग सरकार की कठपुतली के रूप में काम कर रहा है। एक बयान में उन्होंने कई विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम की गड़बड़ी का हवाला देते हुए कहा है कि इससे चुनाव आयोग की तैयारियों के दावे की पोल खुल गई है।
अजय सिंह ने विंध्य की कई सीटों के मतदान केंद्रों में ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा है लोगों को बिना मतदान किए ही लौटने पर मजबूर किया जा रहा है। कई मतदान केंद्रों में दो बजे तक भी मतदान शुरू नहीं हो सका। अजय सिंह ने यह भी दावा किया कि उन्हीं मतदान केंद्रों की मशीनों में खराबी पाई गई है। जहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत है। ऐसे में दोपहर दो बजे तक कई मतदान केंद्रों पर तीस फीसदी मतदान नहीं हो पाया था। जबकि मतदाता सुबह से ही बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों तक पहुंच चुके थे। अजय सिंह ने चुनाव आयोग से उन मतदान केंद्रों में पुनर्मतदान की मांग की है, जहां-जहां ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के कारण मतदान में या तो देरी हुई है या मतदान नहीं हो पाया है।