संजय कुमार सिंह
“भाजपा सबरीमला विवाद को सुनहरे मौके की तरह देखती है”
पर अखबार इसे खबर की तरह नहीं देखते;
ऐसा शीर्षक सिर्फ नभाटा में दिखा
अब केरल भाजपा अध्यक्ष पी़एस श्रीधरन पिल्लै का एक ऑडियो वायरल हुआ जिसकी खबर आज के अखबारों में है। इसमें वे यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि सबरीमला के मुख्य पुजारी ने उनसे सलाह ली थी कि 10 से 50 साल की कोई महिला मंदिर में घुसने की कोशिश करेगी, तो वह कपाट बंद कर देंगे। यह सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। इस बारे में पिल्लै ने कहा है कि मुख्य पुजारी को कोर्ट की अवमानना का डर था लेकिन उन्होंने कहा कि कोर्ट की अवमानना का केस हुआ तो पहले मुझ पर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सबरीमला विवाद को सुनहरे मौके की तरह देखती है। यह आंदोलन भाजपा का एजंडा है। इस ऑडियो पर केरल की लेफ्ट सरकार और विपक्षी कांग्रेस ने सवाल उठाए। सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि लोगों को भाजपा का गेम प्लान समझना चाहिए। जवाब में पिल्लई ने कहा कि मैं वकील हूं और मुख्य पुजारी ने एक वकील के नाते मुझसे सलाह ली थी। कहने की जरूरत नहीं है कि सलाह क्या दी गई और उसके साथ जो कहा गया वह महत्वपूर्ण खबर है पर दिल्ली के अखबारों से यह खबर लगभग गायब है।
नवभारत टाइम्स में यह खबर खबरों के पहले पेज से पहले के अधपन्ने पर टॉप में है। शीर्षक है, “सबरीमाला बीजेपी के लिए सुनहरा मौका”। उपशीर्षक है, “मुख्य पुजारी को केरल बीजेपी चीफ ने दी थी कपाट बंद करने की सलाह”। दैनिक हिन्दुस्तान में यह खबर पहले पेज पर नहीं है। अंदर के एक पेज पर सबरीमाला मंदिर के कपाट खुले शीर्षक खबर तो प्रमुखता से तीन कॉलम में है पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से संबंधित खबर नहीं दिखी। नवोदय टाइम्स में पहले पेज पर सूचना है, “किले जैसी सुरक्षा में खुला सबरीमला” पेज 11 पर। देश / दुनिया की खबरों के इस पेज खबर तो है पर भाजपा अध्यक्ष वाली खबर नहीं है। साथ छपी छोटी खबरों में भी नहीं। दैनिक जागरण में भी खबरों के पहले पेज यह खबर नहीं है। चूंकि आज पहले पेज पर विज्ञापन ज्यादा नहीं है इसलिए मैंने अंदर के पेज नहीं देखे।
अमर उजाला में खबरों के पहले पेज पर आधा विज्ञापन है। और यह खबर नहीं है। देश की खबरों का इसका पेज 13 है। यह खबर उसपर भी नहीं है। देश विदेश की खबरों के पेज 15 पर सबरीमाला मंदिर के कपाट फिर खुले विषय के तहत “50 साल से ज्यादा उम्र की महिला पुलिसकर्मी तैनात” शीर्षक से एक खबर टॉप पर है। इसके साथ एक छोटी खबर है जिसका शीर्षक है, “सबरीमाला पर आंदोलन भाजपा की योजना थी : पिल्लै”। एजेंसी स्रोत से प्रकाशित इस खबर का एक अंश है, “…. ऑडियो में पिल्लै कथित रूप से कह रहे हैं कि मंदिर में 10 से 50 वर्ष की उम्र की बच्ची और महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हिंसक आंदोलन की योजना करीब-करीब भाजपा की थी। मंदिर बंद करने की धमकी देने से पहले पुजारी ने उनसे सलाह ली थी। सूत्रों के मुताबिक, पिल्लै ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, सबरीमाला मुद्दा हमारे लिए स्वर्णिम अवसर है। ऑडियो में पिल्लै ने दावा किया है कि सबरीमाला पर आंदोलन भाजपा का एजंडा है और इसमें सभी फंस गए।”
अमर उजाला ने अपनी इस खबर के साथ आधे कॉलम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लै की फोटो के साथ उनका स्पष्टीकरण भी छापा है। इसमें उन्होंने कहा है कि वे वकील हैं और पुजारी ने कानूनी राय लेने के लिए उन्हें बुलाया था और इस मामले में मैंने उन्हें कानूनी सलाह दी थी। अखबार ने इस खबर के साथ एक और सिंगल कॉलम की खबर छापी है जिसका शीर्षक है, बंगाल के कालीपूजा पंडाल में भी महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं। यह खबर अखबार के ब्यूरो की है। दैनिक भास्कर में भी मुझे यह खबर नहीं दिखी। हालांकि आज मुझे अखबार का एक ही हिस्सा मिला है। यह अक्सर दो हिस्से में होता है और पहले दूसरे को पहचानना मुश्किल होता है। आज का दूसरा हिस्सा बिल्कुल अलग है।
राजस्थान पत्रिका में पहले पेज पर फोटो के साथ सिंगल कॉलम खबर है, “सबरीमला खुले कपाट, दर्शन शुरू”। इसके साथ बताया गया है कि संबंधित खबर पेज 14 पर है। यहां चार कॉलम में टॉप पर खबर का फ्लैग शीर्षक है, “द्वार खुले : पुलिस की कड़ी व्यवस्था में श्रद्धालु नाराज, विरोध प्रदर्शन किया”। मुख्य शीर्षक है, “सबरीमला में 26 वर्षीय महिला का विरोध, पुलिस ने सुरक्षा में लिया”। इसके साथ सिंगल कॉलम में खबर है, “सबरीमला सुनहरा मौका, ऑडियो में केरल भाजपा अध्यक्ष।”