संजय कुमार सिंह
दिल्ली के टाइम्स ऑफ इंडिया में सबरीमाला मंदिर और अमित शाह की खबर लीड के साथ दो कॉलम में है जबकि लीड प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने की खबर है। मुंबई के टाइम्स ऑफ इंडिया में अमित शाह की खबर लीड है। शीर्षक है, “अदालतों को लोगों की आस्था के खिलाफ आदेश नहीं जारी करना चाहिए”। कोलकाता के दैनिक द टेलीग्राफ में सबरीमाला मंदिर और अमितशाह की खबर लीड है। हालांकि, सात कॉलम की इस खबर का शीर्षक है, “आगजनी करने वाले और आकांक्षी (सत्ता के) आग से खेल रहे हैं”। एक तरफ संदीपानंद गिरि के आश्रम पर हमले और आगजनी की खबर है और दूसरी ओर दक्षिण के अयोध्या पर अमित शाह की खबर है। ऐसे में आज यह देखना दिलचस्प होगा कि किस अखबार में लीड क्या बनाया और सबरीमाला मंदिर तथा अमितशाह की खबर है कि नहीं। ज्यादातर अखबारों में है ही जबकि अभी तक के विवाद पर हिन्दी अखबारों में खबरें कम छपी हैं। पर अमित शाह के बयान का अलग महत्व है और आज सबरीमाला विवाद हिन्दी अखबारों में है। इसलिए आज यह रिपोर्ट थोड़ी लंबी है। शायद अब तक की सबसे लंबी।
दैनिक हिन्दुस्तान की लीड है, “हवा में जहर खोला तो मुकदमा होगा”। फ्लैग शीर्षक है, “प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र का कड़ा फैसला, अफसरों पर भी कार्रवाई की तैयारी”। खबर के साथ एक नक्शे में दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाके बताए गए हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि यह खबर दिल्ली एनसीआर की ही है, सारे देश के लिए नहीं। हालांकि, खबर में लिखा है कि ठंड की शुरुआत होते ही गंगा यमुना के मैदानी क्षेत्रों में हवा में प्रदूषण का जहर घुल गया है। शनिवार को लखनऊ, कानपुर, पटना व कोलकाता जैसे शहरों की हवा सबसे खराब रही। अमित शाह या सबरीमाला मंदिर की खबर इसमें खबरों के पहले पेज पर नहीं है। लेकिन मास्टहेड पर ही सूचना है कि खबर पेज आठ पर है। वहां यह खबर पूरे विस्तार से है। स्क्रीन शॉट देखिए।
नवभारत टाइम्स में सबरीमला मंदिर पर बोले शाह, “फैसले के नाम पर सरकारी क्रूरता बर्दाश्त नहीं”। कन्नूर (केरल) की यह खबर पहले पेज पर प्रमुखता से लगी है। अखबार ने पाक है दुनिया में आतंक की सबसे बड़ी पनाहगाह शीर्षक खबर को लीड बनाया है। इस खबर का उपशीर्षक है, भारत के दावे को अब इंटरनेशनल रिपोर्ट ने लगाई मुहर। लंदन से यह एजेंसी की खबर है। इसके साथ अखबार ने एक और खबर लगाई है, शीर्षक है, आर्मी चीफ बोले, घुसपैठ रोके पाक, वरना कोई भी ऐक्शन। यह खबर अंदर के पेज पर जारी है। नभाटा ने “दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण फैलाया तो क्रिमिनल केस” – खबर भी पहले पेज पर ली है। सिंगल कॉलम की यह छोटी सी खबर अंदर जारी है।
दैनिक जागरण ने भी “पाकिस्तान बाज नहीं आया तो सेना के पास खुले हैं दूसरे विकल्प” शीर्षक खबर को लीड बनाया है। उपशीर्षक है, सीमापार आतंकवाद को समर्थन देने पर सेना प्रमुख जनरल रावत ने किया आगाह। खबर के साथ थलसेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत की फोटो है जिसका कैप्शन है, नई दिल्ली में शनिवार को पैदल सेना दिवस (इंफैन्ट्री डे) के अवसर पर थेल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पैदल सेना के योगदान और गौरवशाली इतिहास को समर्पित यह दिवस प्रतिवर्ष 27 अक्तूबर को मनाया जाता है। दिल्ली एनसीआर की बिगड़ती आबोहवा पर सरकार सख्त शीर्षक खबर दैनिक जागरण में भी पहले पेज पर है और इसके साथ बॉक्स में एक खबर है, पर्यावरण मंत्रियों की बुलाई बैठक। इसके अनुसार पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों व अधिकारियों की बैठक एक नवंबर को बुलाई गई है।
दैनिक जागरण में अमित शाह की खबर सातवें पेज पर है जिसे खबरों के पहले पेज जैसा ही बनाया गया है और यहां यह खबर लीड है। इससे पहले पांचवा पेज भी पहले पेज जैसा है उसकी खबरों की चर्चा ऊपर है। इस दूसरे पहले पेज पर यह खबर लीड है और शीर्षक है, श्रद्धालुओं का दमन न रुका तो केरल सरकार को उखाड़ फेंकेंगे शाह। उपशीर्षक है, सबरीमाला विवाद भाजपा अध्यक्ष ने दो हजार श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी का विरोध किया। अखबार में इस लीड के साथ तिरुवनंतपुरम में संदीपानंद के आश्रम पर हमले की खबर छोटी सी पर बड़े फौन्ट में है।
नवोदय टाइम्स में भी, “प्रदूषण फैलाने पर होगा आपराधिक मामला दर्ज” शीर्षक खबर लीड है। खबर कहती है, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को यह जानकारी दी। खबर के साथ डॉ. हर्षवर्धन की तस्वीर है और और बताया गया है कि हवा की गुणवत्ता को लेकर शनिवार को मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पांच शहरों – दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा में पाया गया कि पड़ोसी चारों शहरों में मानकों का पालन सुनिश्चित कराने में संबद्ध एजेंसियों के लच रवैए के कारण हालात में सुधार नहीं हो पा रहा है।
नवोदय टाइम्स में यह खबर दूसरे पेज पर, “सबरीमाला विवाद : संदीपानंद गिरि के आश्रम पर हमला” शीर्षक से लीड है। खबर में दो बिन्दु हाईलाइट किए हुए हैं, संदीपानंद ने भाजपा, पुजारियों व पंडालम राजपरिवार पर लगाए आरोप और मुख्यमंत्री ने हमले की निन्दा कर उन्हें दिया सुरक्षा का भरोसा। इसके साथ अमितशाह की खबर, जनभावना को ध्यान में रखें : शाह शीर्षक से है। खबर के बीच में हाईलाइट है, सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को बताया गलत। इस खबर के मुताबिक, “…. वामपंथी सरकार द्वारा पूर्व के कई अदालती आदेशों को लागू न किए जाने को याद करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में अदालत के आदेश का क्रियान्वयन लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। ….”
राजस्थान पत्रिका में, “मंदिर पर राजनीति : भाजपा अध्यक्ष बोले हम चट्टान की तरह भक्तों के साथ” फ्लैग शीर्षक के साथ, “सबरीमाला में स्त्री प्रवेश के समर्थक का आश्रम फूंका, उधर शाह पहुंचे” शीर्षक खबर लीड है। पत्रिका न्यूज नेटवर्क की इस खबर की शुरुआत से पहले, एक कॉलम में दो लाइन में बड़े अक्षरों में लिखा है, अब तक 2000 से ज्यादा गिरफ्तारियां। खबर के साथ एक फोटो है जिसका कैप्शन है, तिरुवनंतपुरम में संदीपानंद गिरि के आश्रम में आगजनी के बाद का नजारा। आश्रम में खड़े कई वाहन फूंक दिए गए। मुख्य खबर के साथ एक कॉलम में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन की फोटो और खबर है, संविधान के खिलाफ है शाह का बयान : सीएम और इसके साथ दो कॉलम में छपी खबर का शीर्षक है, निर्दोषों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार।
अमर उजाला में यह खबर टॉप में है। शीर्षक है, सबरीमाल भक्तों के साथ खड़ी है भाजपा : शाह। उपशीर्षक है, केरल में भाजपा अध्यक्ष बोले, जिनका पालन हो सके, वही फैसले सुनाए कोर्ट। अखबार ने प्रवेश का समर्थन करने वाले संदीपानंद के आश्रम पर हमला शीर्षक से भी खबर छापी है और इसके साथ जलते हुए आश्रम की छोटी सी (एक कॉलम) फोटो है।
दैनिक भास्कर में यह खबर पहले पेज पर लीड है। फ्लैग शीर्षक है, “सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश पर विवाद के बीच भाजपा अध्यक्ष का बयान”, मुख्य शीर्षक है, “कोर्ट ऐसे फैसले नहीं दे, जो लागू न हो सके : अमित शाह”। अखबार ने मुख्य खबर के साथ केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का बयान भी छापा है। शीर्षक है, अमित शाह का बयान कानून के खिलाफ। इसमें उन्होंने कहा है, अमित शाह का बयान संविधान और कानून व्यवस्था के खिलाफ है। साथ ही मौलिक अधिकारों को कुचलने वाला भी है। उनका यह बयान भाजपा और आरएसएस का एजंडा दिखाता है।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।