एक पत्रकार का एक नेता को पत्र

माननीय नेता जी,

दो दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के किसानों की आत्महत्याओं / अविश्वसनीय स्तर के पलायन / घास की रोटी खाकर जीवित रहने की कोशिश आदि के समाचारों के बीच उनकी तकलीफ़ दूर करने में हाथ बटाने का फ़ैसला लिया है !
प्रदेश के दूसरे किसानों की ७०% से ज़्यादा धान की फ़सल मारी गई है और गेंहू की बुआई भी प्रभावित है ।
आप किसानों के नेता के तौर पर राजनीति में रहे और पिछड़ी पृष्ठभूमि के बावजूद सफलता के सोपानों पर पहुँचे !
अब आप जीवन के ऐसे पक्ष में हैं जहाँ से या तो स्टेट्समैन बन सकते हैं या विदूषक !
कृपया इस वर्ष किसानों की दारुण दशा के चलते “सैफई महोत्सव” नाम के कार्यक्रम को अगर एक वर्ष के लिये स्थगित कर सकें और इसके लिये तय राशि को बुंदेलखंड के किसानों की सहायता में भिजवा दें तो ज़्यादा उचित हो !

उत्तर प्रदेश मूल के नागरिक होने के नाते मेरी यह “अप्रिय सलाह ” प्रेषित है ।

शीतल प्र सिंह

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