एसएससी और रेलवे भर्ती में अन्याय के खिलाफ ‘युवा हल्ला बोल’

 

नौकरियों की आस में सालों से घर बैठे देश के बेरोज़गार युवा अब भारी आक्रोश में हैं। आज ट्विटर पर चले अभियान ने इस बात की पुष्टि कर दी। ‘युवा हल्ला बोल’ ने बताया कि छात्रों का #SpeakUpForSSCRailwayStudents हैशटैग भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में नम्बर 1 पर ट्रेंड करता रहा। एक दिन में 25 लाख से ज़्यादा ट्वीट भारत के बेरोज़गार युवाओं की पीड़ा को बयान कर रहे हैं। अब जबकि देश के युवाओं की बात पूरी दुनिया देख रही है तो क्या मोदी सरकार का ध्यान इस समस्या पर जाएगा या नहीं?

‘युवा हल्ला बोल’ का नेतृत्व कर रहे अनुपम ने कहा कि कोरोना की महामारी के कारण भले छात्र सड़क पर न उतर पाएं लेकिन अपने घर बैठे एकजुटता का प्रदर्शन ज़रूर कर सकते हैं। आज के इस मुहिम ने दिखाया कि देश के कोने कोने से छात्र एसएससी और रेलवे में हो रही ढिलाई के खिलाफ कैसे एकजुट होकर आवाज़ बुलंद कर सकते हैं। हमारे देश में यह एक आम बात हो गयी है कि सरकारी नौकरियों में भर्ती परीक्षा को सरकार खुद गंभीरता से नहीं लेती। जबकि करोड़ों छात्रों की उम्मीद और बेहतर भविष्य का सपना इन भर्तियों में टिका होता है।

उक्त बातों के संदर्भ में ‘युवा हल्ला बोल’ के गोविन्द ने बताया कि #SpeakUpForSscRailwayStudents के हैशटैग मुख्यतः एसएससी और रेलवे के अभ्यर्थियों के लिए शुरू किया गया जो अब देशभर की तमाम भर्तियों में हो रही लेट लतीफी और अनियमितताओं को उजागर कर रहा है।

एसएससी के द्वारा कराई जा रही सीजीएल 2018 की परीक्षा 850 दिन से अटकी पड़ी है जबकि रेलवे की परीक्षा 18 महीने से। इन परीक्षाओं के अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ 1 सितम्बर को मोर्चा खोल दिया। जिसके बाद ‘युवा हल्ला बोल’ के हेल्पलाइन पर लगातार फोन आने लगे।

‘युवा हल्ला बोल’ के रजनीश झा ने तमाम भर्तियों के छात्रों को उनके मुद्दे भी उठाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि ‘युवा हल्ला बोल’ के हेल्पलाइन पर लगातार मैसेज आ रहे हैं। जिन भर्तियों की आज बात नहीं हो रही, उनके छात्र बिल्कुल चिंता न करें। हमें सब याद है और हर अन्याय के खिलाफ गंभीर हैं। UP VDO, MP पटवारी, JPSC, शिक्षक, पुलिस, अनुदेशक सहित तमाम भर्तियों के लिए हम लड़ेंगे और जीतेंगे! सब एकजुट होकर लड़ें!”

अनुपम ने कहा कि भर्ती प्रक्रियायों में सालों साल होने वाली देरी से निपटने के लिए ‘युवा हल्ला बोल’ ने ‘मॉडल एग्जाम कोड’ का प्रस्ताव भी दे रखा है। मॉडल कोड के तहत किसी भी भर्ती में विज्ञापन से लेकर नियुक्ति तक की पूरी प्रक्रिया 9 महीने के अंदर पूरी हो जाएगी।

छात्रों ने सरकार से एक बार फिर मांग किया है कि “मॉडल कोड लागू करो, 9 महीने में नौकरी दो!”


 

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