बिहार में ‘सुशासन’ देते योगी ने यूपी को बनाया ‘कुशासन’ में नंबर एक!

डॉ. कस्तूरीरंगन की इस सूची के हिसाब से केरल देश का सबसे सुशासित राज्य है जबकि उत्तर प्रदेश सबसे कुशासित। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु,, तीसरे पर आंध्र प्रदेश, चौथे पर कर्नाटक और पाँचवे पर छत्तीसगढ़ का नाम है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के.कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाले पब्लिक अफेयर्स कमेटी ने देश के तमाम राज्यों की न्यायसंगतता, वृद्धि और निरंतरता के पैमाने पर तुलना करते हुए एक सूची जारी की है। इस सूची के हिसाब से केरल देश का सबसे सुशासित राज्य है जबकि उत्तर प्रदेश सबसे कुशासित। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु,, तीसरे पर आंध्र प्रदेश, चौथे पर कर्नाटक और पाँचवे पर छत्तीसगढ़ का नाम है।

पब्लिक अफेयर्स सेंटर एक गैरलाभकारी संगठन है जो पचास संकेतकों के आधार पर राज्य की सेहत नापता है। सेंटर का मानना है कि इक्विटी, ग्रोथ और सस्टेनिबिलिटी में उचित तालमेल के बिना टिकाऊ विकास संभव नहीं है।

रिपोर्ट में राज्यों की अलग-अलग तीन श्रेणियाँ हैं। पहली श्रेणी में दो करोड़ से ज़्यादा आबादी वाले राज्य हैं। दूसरी श्रेणी में छोटे राज्य और तीसरी में केंद्र शासित प्रदेशों को रखा गया है।  छोटे राज्यों में सबसे सुशासित गोवा माना गया है। उसके बाद मेघालय, हिमाचल और सिक्किम का नाम है। सबसे ख़राब रिपोर्ट मणिपुर की है। केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे बेहर स्थिति चंडीगढ़ की है जबकि सबसी बुरी हालत दादरा और नगर हवेली की है।

डॉ.कस्तूरीरंगन ने जन मामलों का सूचकांक 2020 जारी करते हुए कहा कि इसका महत्व तभी है जब स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास हो।

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