जय किसान आंदोलन के संस्थापक और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जारी किये गए बजट को देश के किसानों और भारतीय कृषि पर अब तक के सबसे बड़े हमले की घोषणा बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों के साथ किसी युद्ध से कम नहीं है। वित्त मंत्री ने अपने बजटीय भाषण में सुंदर सुंदर शब्दों से किसानों के सामने जो तस्वीर बनायी है बजट के दस्तावेज इसके ठीक उलट हैं। यह बजट किसानों पर चौतरफा मार है।
सबसे पहले अगर खरीद पर आएँ तो, भारतीय खाद्य निगम को फसल के खरीद के लिए जो फण्ड दिए जाते हैं उसमें 1 लाख 51 हज़ार करोड़ से 75 हज़ार करोड़ तक की भारी कटौती हुई है। अचानक ऐसी कटौती से सरकारी खरीद पर असर पड़ेगा और किसानों को फिरसे प्राइवेट व्यावसायिकों पर छोड़ दिया जाएगा। इसका साफ अंदेशा इसीलिए लगता है क्योंकि प्रधानमंत्री आशा योजना, MIS और PSS जैसे योजनाओं में भी 1500 से 500 करोड़ और 3 हज़ार से 2 हज़ार तक कटौती की गई है।
तीसरा हमला कृषि श्रमिक के लिए जीविका के प्राथमिक स्त्रोत मनरेगा के लिए आवंटित धन में कटौती है। इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा के लिए अनुमानित खर्च 71,000 करोड़ रुपये के विपरीत वित्त मंत्री ने केवल रुपये 61,500 करोड़ रूपए आवंटित किए हैं। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि विशेषज्ञों ने बताया है कि इस वर्ष वास्तविक व्यय 75,000 करोड़ रुपये के पार जा सकता है। को पार करने की संभावना है। इसलिए सरकार कम से कम 13,500 करोड़ रुपए की कमी के साथ शुरू करेगी। इससे काम की मांग का दमन होगा और ग्रामीण लोगों की एक महत्वपूर्ण आजीविका स्रोत प्रभावित होगी।
विज्ञप्ति: स्वराज इंडिया मीडिया सेल द्वारा जारी