अंग्रेज़ी फिल्मी मुहावरे में कहें तो दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के ख़िलाफ़ पंजाब में दर्ज आपराधिक मामला और उनकी गिरफ्तारी की कहानी अब Curious Case of Tejinder Bagga (तेजिंदर बग्गा की आश्चर्यजनक कहानी – Curious Case of Benjamin Button से प्रेरित) बन गई है। इस मामले में पहले सिर्फ तेजिंदर पाल सिंह बग्गा और पंजाब पुलिस के बीच आंख-मिचौली चल रही थी। बीते दिन, इसमें दिल्ली पुलिस शामिल हो गई और उसने पंजाब पुलिस को बग्गा को गिरफ्तार करने से रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन रोक नहीं सकी। लेकिन मामला इतने विवाद पर रुका नहीं, पंजाब पुलिस बग्गा को हिरासत में लेकर मोहाली जा ही रही थी कि रास्ते में कुदरती और भौगोलिक कारणों से हरियाणा आ गया। ये एक अलग सूबा है और यहां संयोग या प्रयोग से भाजपा की सरकार है। दिल्ली में भी सरकार हालांकि पंजाब की ही तरह, आम आदमी पार्टी की ही है लेकिन पुलिस केंद्र सरकार की है – जो कि भाजपा सरकार है। तो हुआ ये कि पंजाब पुलिस के पास, मोहाली जाने का हरियाणा से गुज़रने के सिवा क्या ही रास्ता था और हरियाणा सीमा में दाखिल होते ही पंजाब पुलिस को हरियाणा पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अब तेजिंदर बग्गा वापस दिल्ली में हैं, साथ में दिल्ली पुलिस है, हरियाणा पुलिस हरियाणा में ही है और पंजाब पुलिस का दस्ता भी हरियाणा में है, हरियाणा पुलिस की हिरासत में। हां, अभी हरियाणा, पंजाब और दिल्ली इसी देश के 3 राज्य हैं और अलग-अलग देश नहीं बने हैं।
पहेली को आसान करते हैं
मामला क्या है?
तो मामला ये है कि तेजिंदर पाल सिंह बग्गा पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और समाज को धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कोशिश की। हालांकि तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के द्वारा आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल, गाली-गलौज से भरी भाषा, अभद्र टिप्पणियां और सांप्रदायिक बयान-ट्वीट कोई नई बात नहीं है और उनका ट्विटर हैंडल समेत राजनैतिक करियर इससे भरा हुआ है। लेकिन इस बार दिक्कत अलग हो गई, दिल्ली की बेपुलिस आम आदमी पार्टी की सरकार, पंजाब में भी आ गई – जहां पुलिस उनके नियंत्रण में है। इसके बाद लगातार आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते रहे बग्गा के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी नेताओं ने निशाना लगा लिया।
क्या किया है बग्गा ने?
तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने दरअसल दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ एक वाकई अमर्यादित ट्वीट की थी। हालांकि वे ऐसा पहले भी करते रहे हैं, लेकिन दिल्ली के सीएम की विवादित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर की गई व्यंग्यात्मक टिप्पणी के बाद उन्होंने जो ट्वीट किया, वो आप नीचे देख सकते हैं।
जब 10 लाख हरामी मरते होंगे तो 1 अरविंद केजरीवाल पैदा होता होगा
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) March 25, 2022
25 मार्च के इस ट्वीट के बाद, बग्गा ने 28 मार्च, 2022 को फिर ये ही वाक्य दिल्ली के सीएम के लिए दोहराया।
ये रिलीज पड़ी आपने ? केजरीवाल जिस काम का क्रेडिट ले रहा है कि कश्मीरी पंडित टीचरों को हक़ उसकी सरकार ने दिया असल मे केजरीवाल की सरकार कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हाइ कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गई। इसलिए मैं फिर से कहता हूं जब 10 लाख हरामी मरते हैं तो एक अरविंद केजरीवाल पैदा होता है pic.twitter.com/GEEXPE0anJ
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) March 28, 2022
और फिर 29 मार्च, 2022 को भी…
ये दिल्ली सरकार का कश्मीरी टीचर रेगुलर करने वाला 23-01-19 का सर्कुलर है,इसमे साफ लिखा कि कोर्ट आर्डर के आदेश पर करना पड़ रहा है।केजरीवाल पिछले 2 दिन से जो टीवी पर कह रहा मेरी सरकार ने ये किया,उसकी पोल खुल गई।इसलिए मै कहता हूँ 10 करोड़ हरामी मरते है तो एक अरविंद केजरीवाल पैदा होता pic.twitter.com/MDjJyrtiyr
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) March 29, 2022
फिर क्या हुआ?
तो अपनी ऐसी ही ट्वीट्स के लिए मशहूर बल्कि संभवतः इसी योग्यता के दम पर, भाजपा में इतने बड़े पदों पर जा पहुंचे तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के ख़िलाफ़ इस बार एफआईआर ही दर्ज नहीं हुई, पुलिस ने एक्शन भी ले लिया। क्योंकि अब आम आदमी पार्टी के पास एक राज्य की पुलिस भी थी…पंजाब की और पंजाब पुलिस ने आम आदमी पार्टी के एक नेता की शिकायत पर तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ 153-ए (धर्म, जाति, स्थान आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 505 (बयान, अफवाह या रिपोर्ट प्रकाशित या प्रसारित करना) और 506 (आपराधिक धमकी) जैसी धाराओं के तहत, मोहाली में मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद पंजाब पुलिस की टीम, दिल्ली में तेजिंदर पाल बग्गा को गिरफ्तार करने के लिए चक्कर लगाने लगी और बग्गा कभी घर पर मिले ही नहीं।
लेकिन आख़िरकार 5 नोटिस सर्व करने के बाद, शुक्रवार यानी कि 6 मई, 2022 को पंजाब पुलिस को जानकारी मिली कि बग्गा दिल्ली में अपने घर पर हैं और पंजाब पुलिस उनको गिरफ्तार करने उनके घर जा पहुंची। उनके पिता ने और उन्होंने इसका विरोध किया लेकिन गिरफ्तारी हो गई और पंजाब पुलिस उनको लेकर निकल गई।
दिल्ली से पंजाब का लंबा रास्ता
लेकिन पंजाब पुलिस के लिए तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को लेकर, पंजाब तक जाने का रास्ता इतना आसान नहीं था। एक तरफ दिल्ली में जनकपुरी थाने में उनके पिता की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के ख़िलाफ़ बग्गा के अपहरण का केस दर्ज कर लिया। तो दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस की इस एफआईआर के आधार पर दी गई सूचना के आधार पर हरियाणा पुलिस, अपनी सीमा पर पंजाब पुलिस का इंतज़ार करने लगी। ये भी जानना ज़रूरी है कि दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस पर IPC की धाराओं 452, 365, 342, 392, 295/34 के तहत मामला दर्ज किया, जिसमें से IPC की धारा 365 किडनैपिंग की धारा है, जिसमें सात साल तक की सजा हो सकती है और 452 किसी व्यक्ति के घर में 4 लोग या उससे अधिक के अंदर घुसकर हमला करने की धारा है, जो कि ग़ैर ज़मानती है।
और रास्ते में पड़ता है हरियाणा..
यहां से मामला, अजीब ही ढंग से पलट गया क्योंकि अब तक तेजिंदर पाल सिंह बग्गा, पंजाब पुलिस की हिरासत में थे। लेकिन अब, बग्गा आज़ाद थे और पंजाब पुलिस के अधिकारी और कर्मी, हरियाणा पुलिस की हिरासत में थे। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस की गाड़ी रोककर, पंजाब पुलिस अधिकारियों को ही हिरासत में ले लिया गया था। दिल्ली पुलिस को सूचना दे दी गई थी, वो रास्ते में थी और हरियाणा के गृहमंत्री बयान दे रहे थे कि दिल्ली पुलिस की एफआईआर है तो बग्गा को दिल्ली पुलिस को ही सौंपा जाएगा।
पंजाब पुलिस का तर्क
पंजाब पुलिस का इस पर ये कहना था कि दिल्ली पुलिस द्वारा अपहरण का मामला दर्ज करना ही ग़ैरक़ानूनी है क्योंकि दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी। साथ ही, उसकी एक टीम जनकपुरी थाने में मौजूद थी और गिरफ्तारी की रेकॉर्डिंग भी हुई थी। ऐसे में दिल्ली पुलिस आख़िर कैसे अपहरण का मामला दर्ज कर सकती है?
और अदालत ने कहा…
इस बीच दिल्ली की अदालत में तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के अपहरण का मामला पहुंच चुका था और अदालत ने ये सारा मामला, सब ख़बर, सारा वाकया टीवी और इंटरनेट पर लाइव प्रसारित होने के बाद, जनकपुरी पुलिस को तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को ढूंढने का आदेश दिया। जनकपुरी की दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि उनकी लोकेशन कुरुक्षेत्र के थानेसर में मिली है।
इसी बीच पंजाब पुलिस, बग्गा को दिल्ली पुलिस के हवाले होने से रोकने के लिए चंडीगढ़ में दूसरी अदालत में जा चुकी थी – पंजाब और हरियाणा का उच्च न्यायालय। उच्च न्यायालय में जस्टिस ललित बत्रा की कोर्ट में सुनवाई चली, पंजाब पुलिस की अपील के बाद अदालत ने हरियाणा सरकार को तलब किया। दिल्ली पुलिस के वकील सत्यपाल जैन ने हाईकोर्ट से कहा कि तजिंदर पाल बग्गा को बिना दिल्ली पुलिस की जानकारी के बिना घर से उठाया गया. उनके पिता ने मामला दर्ज करवाया है। तो पंजाब सरकार की तरफ से माननीय हाईकोर्ट से पुनीत बाली-अनमोल रतन ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने आरोपी को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया। यह तो सरासर कानून के साथ खिलवाड़ है और किसी जंगलराज की तरह पुलिस का मिसयूज किया गया और हमारे एसपी को भी हिरासत में लिया गया।
हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस से शाम 4 बजे तक स्थिति की रिपोर्ट मांगी, रिपोर्ट के बाद पंजाब पुलिस ने अदालत से अनुरोध किया कि फैसले तक, तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को हरियाणा में ही रखा जाए, दिल्ली पुलिस को न सौंपा जाए। कोर्ट ने ये अपील ठुकरा दी और फिर अदालत ने हरियाणा पुलिस को निर्देश दे कर कहा है कि वो अगले 24 घंटे में एक एफिडेविट कोर्ट में दाखिल करें और बताएं की किस हालत में उन्हें पंजाब पुलिस की टीम को कुरुक्षेत्र के पास रोकना पड़ा था। मामले की अगली सुनवाई अब शनिवार को होगी।
कहां हैं अब तेजिंदर पाल सिंह बग्गा?
तेजिंदर पाल सिंह बग्गा अब दिल्ली पहुंच गए हैं। फिलहाल दिल्ली में ही हैं और अगर कल तक पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट कोई फ़ैसला नहीं देता है, तो दिल्ली में ही रहेंगे। लेकिन असल में वो जहां सबसे ज़्यादा हैं, वो जगह है टीवी से लेकर सोशल मीडिया तक। मशहूर वकील प्रशांत भूषण से मारपीट के अपने इकलौते वीरता प्रदर्शन के बाद से अब तक शायद उनको कभी इतनी चर्चा नही मिली थी, जितनी उनको पंजाब पुलिस, पंजाब सरकार ने दिलवा दी है, गाली और धमकी देने के बाद, सांप्रदायिक टिप्पणियां करते रहने वाले बग्गा, जब थानेसर थाने से बाहर निकले तो विजेता की तरह हाथ हिला रहे थे। पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी को गंभीरता से सोचना चाहिए कि कहीं इस पूरे सर्कस में विजेता, बग्गा ही नहीं हो गए?