किसान समर्थकों को परेशान कर रही सरकार, तापसी-अनुराग पर छापा निंदनीय- SKM

मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहा आंदोलन आज 98 वें दिन भी जारी रहा। इसके साथ ही देशभर में किसान महापंचायतों का दौर भी जारी है। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा है कि सरकार के अनेक षडयंत्रो के बावजूद, दिल्ली के बोर्डर्स पर किसानों के धरने कायम हैं। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई हस्तियों ने अन्नदाता को अपना समर्थन दिया है।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि सरकार किसानों की मांगें मानने की बजाय लगातार किसानों व उनके समर्थकों को परेशान कर रही है। हाल में ही तापसी पन्नू और उनके साथियों से सम्बंधित कई जगहों पर आयकर विभाग के छापे मारे है। ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ सरकार के इन सभी प्रयासों की निंदा व विरोध करता है। हम समझते है कि ये छापे किसानों का समर्थन करने पर सरकार की बौखलाहट को दर्शाते है। ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ उन सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय हस्तियों का धन्यवाद करता है, जिन्होंने बिना डर के, खुले दिल से किसानों के आंदोलन का समर्थन दिया है।

किसान महापंचायत

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ द्वारा की जा रही किसान महापंचायतों का दौर आज भी जारी रहा। राजस्थान के नागौर की किसान महापंचायत में भारी भीड़ जुटी। इस महापंचायत को किसान नेता राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं ने संबोधित किया। राकेश टिकैत ने कहा अगर रोटी को तिजोरी में बंद नहीं होने देना तो किसानों को आंदोलन करना पड़ेंगा। गांव-गांव में कमेटियां बनानी पड़ेंगी। प्रशासन धारा 144 लगा देता है, आपके ट्रैक्टर रोक दिए। आपकी पार्किंग 2 किलोमीटर दूर है। जब तक आप बैरिकेडिंग तोड़कर आगे नहीं बढ़ोगे, दिल्ली तक आंदोलन नहीं कर सकते। अगला जो आंदोलन होगा उसमें कहीं बैरिकेडिंग नहीं होनी चाहिए। ये बैरिकेडिंग तोड़ना सीख लो।

टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर किसान का टैंक है। जब लड़ाई लंबी हो तो आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक गांव, एक ट्रैक्टर, 15 आदमी और 10 दिन वाला फॉर्मूला अपनाना पड़ेगा। 10 दिन बाद 15 लोग फिर बदल दो। उन्होंने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए कानून बनाए जा रहे हैं।  डीजल से चलने वाला पंपिंग सेट भी नहीं चल पाएगा, ये कानून दिल्ली में बन गया है। उन्होंने कहा कि अगर इस कानून से किसान हारेगा तो मजदूर भी हारेगा। भीमराव अंबेडकर और संविधान हारेगा। रोटी तिजोरी में बंद होगी। व्यापारियों और बड़ी कंपनियों के ताले लगेंगे। भूख के आधार पर देश में कीमतें तय होगी।

युवा- किसान- मजदूर- व्यापारी जागरूकता सम्मेलन

उधर हरियाणा के हिसार में युवा-किसान-मजदूर-व्यापारी जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया है। इस सम्मेलन को ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के नेता गुरनाम सिंह चढ़नी और अभिमन्यु कुहाड़ समेत कई किसान नेताओं ने संबोधित किया।

 

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