राहुल गांधी ने सावरकर पर कोई ट्वीट डिलीट नहीं किया, पर बदनाम करने की कोशिश जारी!

वायरल सच बताने के नाम पर ऑप इंडिया का अफ़वाह फैलाओ अभियान

 

ऑप इंडिया की एक खबर का शीर्षक है – (अनुवाद मेरा)  “फैक्ट-चेक : वायरल दावे के अनुसार क्या राहुल गांधी ने वीर सावरकर पर अपने सभी ट्वीट डिलीट कर दिए हैं” 

पूरी खबर वायरल दावे पर है और यह नहीं बताती है कि ट्वीट डिलीट कर दिए हैं या नहीं किए हैं या ट्वीट किए ही नहीं थे या किए थे, डिलीट नहीं किए गए हैं। 

इसमें कहा गया है, उपलब्ध सबूतों से लगता है कि …. बहुत संभावना है कि उन्होंने ट्वीट किया ही नहीं …. और यही कारण है कि सर्च में लोगों को कुछ नतीजा नहीं मिल रहा है। 

मैं नहीं जानता इसका क्या मतलब लगाया जाए। और इसमें खबर क्या है। हालांकि, इसी खबर में यह बताया गया है कि जवाहर लाल नेहरू ने किसी माफीनामे पर दस्तखत किए थे। 

जो नहीं जानते हैं उन्हें बता दूं कि अल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर (@zoo_bear) ने 28 मार्च को ट्वीट किया है कि राहुल गांधी ने कोई ट्वीट डिलीट नहीं किया है। ऑप इंडिया की ‘खबर’ ऐसा कुछ तो नहीं ही बताती है। अगर आप ऑप इंडिया को नहीं जानते हैं तो सहायता के लिए उसकी अपील से जान सकेंगे। यह स्क्रीनशॉट मैंने उसके हिन्दी वाले हिस्से से लिया है। 

 

आजकल जैसी पत्रकारिता हो रही है उसमें अगर ऑप इंडिया नहीं बता रहा है कि राहुल गांधी ने ट्वीट किए थे कि नहीं या ट्वीट डिलीट किए कि नहीं तो मैं किससे उम्मीद करूं। ट्वीट करने और डिलीट करने – दोनों की खबरें वायरल तो हैं ही। जाहिर है, जानने का कोई आसान तरीका नहीं है लेकिन इस कारण मैं अफवाह फैलाने का एक तरीका जान पाया। 

इस बीच, पता चला है कि मोहम्मद जुबैर ने ऊपर उल्लिखत ट्वीट के बाद बताया है कि राहुल गांधी ने अपने ट्वीट डिलीट नहीं किए हैं इसके ठोस सबूत हैं। इस आशय का गलत दावा किया गया था लेकिन फिर वो ट्वीट डिलीट कर दिए गए। अब तो इसपर अल्ट न्यूज की पूरी खबर है 

ऑप इंडिया की 28 मार्च की खबर अभी भी है। यह खबर हिन्दी में भी है। शीर्षक है – ‘राहुल गाँधी ने डिलीट किए वीर सावरकर पर अपने सारे ट्वीट्स, विपक्ष में फूट के बाद अब केस होने का डर’: सोशल मीडिया पर वायरल दावा, जानें क्या है सच्चाई और इसका उपशीर्षक है, नेहरू मुश्किल से 12 दिन जेल में टिके। जबकि, वीर सावरकर ने लगातार 11 वर्षों कालापानी की सज़ा झेली, जहाँ उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया।

हिन्दी वाली ‘खबर’ का यह अंश देखिये – हालाँकि, जब हमने ऑनलाइन पड़ताल की तो पाया कि राहुल गाँधी ने इस अवधि में अपना कोई ट्वीट डिलीट नहीं किया है। उन्होंने पिछले कुछ दिनों में कोई ट्वीट डिलीट नहीं किया है। ऐसे में वीर सावरकर पर अपने ट्वीट्स डिलीट किए जाने की बात झूठी है, अफवाह है। राहुल गाँधी के ‘Cached Tweets’ में भी कोई ऐसा ट्वीट नहीं दिख रहा जिसे डिलीट किया गया हो। ये भी हो सकता है कि वीर सावरकर पर उन्होंने ट्वीट किया ही न हो इसीलिए ट्विटर पर नहीं दिख रहा हो, क्योंकि उन्होंने अधिकतर ऐसे बयान प्रेस कॉन्फ्रेंस-रैलियों में दिए हैं और पार्टी के ट्विटर हैंडल से ये सब डाला गया।

आप कह सकते हैं कि यह कहानी बनाना है। नई पत्रकारिता में इसे नैरेटिव सेट करना कहा जा रहा है। यह पोस्ट पत्रकारिता के बहुत सारे जूनियर जो पत्रकारिता सिखाने के लिए तत्पर रहते हैं उनके लिए है। ….. लगे रहो भक्तों।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और प्रसिद्ध अनुवादक हैं।

 

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