“आज दुनिया जहाँ पर है उसके पीछे युरोपीय रिनैंसांस का बहुत बड़ा हाथ है। यह कोई घटना नहीं बल्कि मानव सभ्यता के इतिहास में घटित सबसे महान क्रांति है जिसने पूरी दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया”- यह विचार है हमारे दौर के बड़े जन इतिहासकार प्रो.लाल बहादुर वर्मा का। प्रो. वर्मा ने मीडिया विजिल में 20 अगस्त से शुरु हुए अपने साप्ताहिक कार्यक्रम ‘रिनैंसाँस क्रॉनिकल’ का विषय प्रवर्तन करते हुए यह बात कही।
मीडिया विजिल के फेसबुक पेज पर यह नया शो हर गुरुवार को दोपहर तीन बजे प्रसारित होगा। इसके अलावा प्रो.जगदीश्वर चतुर्वेदी का कार्यक्रम रिनैंसा सोमवार को तीन बजे पहले की तरह प्रसारित होता रहेगा जो रिनैंसाँ यानी पुनर्जागरण के भारतीय संदर्भों की सरस व्याख्या कर रहे हैं।
प्रो.वर्मा ने गोरखपुर, मणिपुर और इलाहाबाद विश्वविद्यालयों में इतिहास पढ़ाया है और छात्रों के बीच अपनी विशिष्ट शैली को लेकर ख़ासे लोकप्रिय रहे हैं। यूरोपीय इतिहास पर उनका काम बेहद खास है। वे पारंपरिक इतिहास-लेखन और पाठन से हटकर जन इतिहास की बात करते हैं और इतिहासबोध विकसित करने पर ज़ोर देते हैं। ‘इतिहासबोध’ हिंदी की अपनी तरह की अनूठी पत्रिका भी रही है जो प्रो.वर्मा संपादित करते रहे हैं।
प्रो.वर्मा के शिष्यों की तादाद बहुत विशाल है और वे पूरे देश में फैले हुए हैं। उन सबसे और इतिहास में रुचि रखने वाले हर व्यक्ति से आग्रह है कि वह प्रो.वर्मा के इस अनूठे कार्यक्रम के साथ जुड़े। प्रो.वर्मा अस्सी पार हो चुके हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा और विद्यार्थियों से संवाद का जुनून पहले की तरह क़ायम है। रिनैसाँस क्या, क्यों और कैसे को समझने के लिए यह बेहतरीन अवसर है।
रेनेसाँ क्रॉनिकल के इस पहले एपीसोड को आप नीचे देख सकते हैं–