संसद छोड़ ‘किसान संसद’ पहुँचा विपक्ष, राहुल बोले-हल पर हाथ किसान का, फ़सल ‘हमारे दो’ की!

राहुल गाँधी ने जो कविता ट्वीट की वह  प्रसिद्ध साहित्यकार ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआँ' से प्रेरित है जिसे ग्रामीण भारत में दलितों की स्थिति का आईना कहा जा सकता है। बहरहाल, राहुल गाँधी जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से विपक्षी दलों को साथ लेकर सरकार पर हमलावर हैं, वह बताता है कि भारत के राजनीतिक पटल पर जल्द ही बड़ी उथल-पुथल दिखायी देगी।

सरकार पर संसद में किसानों, मज़दूरों और युवाओं की आवाज़ न उठाने देने का आरोप लगाते हुए आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता किसान संसद पहुँच गये। राहुल गाँधी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी चाहे संसद में किसानों की स्थिति पर चर्चा न करने दें, हम पूरी तरह किसानों के साथ हैं और उनकी आवाज़ उठाते रहेंगे।

 

दिल्ली के जंतर-मंतर पर संसद के मॉनसून सत्र के समानांतर किसान संसद आयोजित की गयी है जहाँ रोज़ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होती है और सांसदों को निर्देश जारी किये जाते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक पीपुल्स व्हिप भी जारी किया हुआ है। उसका कहना है कि जो किसान संसद के फ़ैसले के आधार पर  संसद में किसानों की आवाज़ बुलंद नहीं करेंगे  उन नेताओं का अगले चुनाव में विरोध होगा। राहुल गाँधी पिछले दिनों ट्रैक्टर पर संसद जाकर कृषि कानून रद्द करने की किसानों की माँग उठा चुके हैं और आज किसान संसद पहुँचकर उन्होंने किसानों के संघर्ष के साथ अपनी एकता को और मज़बूती दी। यही नहीं, राहुल गाँधी ने एक कविता भी ट्वीट की जिसमें किसानों की दुर्व्यवस्था को ख़ास तरीक़े से पेश किया गया था।

 

 

ग़ौरतलब है कि राहुल गाँधी ने जो कविता ट्वीट की वह  प्रसिद्ध साहित्यकार ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआँ’ से प्रेरित है जिसे ग्रामीण भारत में दलितों की स्थिति का आईना कहा जा सकता है। बहरहाल, राहुल गाँधी जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से विपक्षी दलों को साथ लेकर सरकार पर हमलावर हैं, वह बताता है कि भारत के राजनीतिक पटल पर जल्द ही बड़ी उथल-पुथल दिखायी देगी।

 

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