भगत सिंह की दुर्गा भाभी के स्कूल पर क़ब्ज़ा करने की मुहिम के ख़िलाफ़ लखनऊ में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कल यानी 21 मई की शाम हज़रतगंज में महात्मा गाँधी, सरदार पटेल और डॉ.आंबेडकर की प्रतिमाओं के सामने तमाम बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और समाजसेवियों ने क्रांतिकारियों की विरासत को बचाने के लिए हर मुमकिन संघर्ष का संकल्प लिया।
इरादा एक ऐंग्लो इंडियन परिवार की झलक देना था। दुर्गा भाभी के पति भगवती चरण वोहरा, भगत सिंह के क्रांतिकारी दल हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपबल्किन एसोसिएशन के सिद्धांतकार थे जो रावी नदी के किनारे बम परीक्षण करते हुए शहीद हो गए थे। उनकी मृत्यु के बाद भी दुर्गा भाभी क्रांतिकारी दल में सक्रिय रहीं। आज़ादी के बाद उन्होंने लखनऊ के सदर इलाके में लखनऊ मांटेसरी इंटर कॉलेज स्थापित किया था जिसकी ज़मीन पर अब बिल्डरों की नज़र है। शिक्षा विभाग की मिलीभगत से कुछ लोग इस पर क़ब्ज़ा करना चाहते हैं। (तस्वीर में भगवती चरण वोहरा, दुर्गा भाभी और बेटे के साथ।)
मीडिया विजिल में कल इस सिलसिले में ख़बर प्रकाशित हुई थी जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं।
योगीराज में भगत सिंह की दुर्गा भाभी का स्कूल हड़पने में जुटे बिल्डर!
मशहूर क्रांतिकारी दुर्गा भाभी द्वारा स्थापित लखनऊ मॉंटेसरी स्कूल को लखनऊ में कुछ निहित स्वार्थ तत्व एवं बिल्डर फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनाकर हड़पना चाहते हैं .
इस साज़िश में रजिस्ट्रार सोसायटीज और शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी शामिल हैं.
इस विद्यालय की आधारशिला स्वयं नेहरू जी ने रखी थी . यह विद्यालय सचिवालय से बहुत क़रीब है और ज़मीन बहुमूल्य . यह विद्यालय हमारी सामाजिक – धरोहर है .
इन लोगों की साजिश को विफल करने के लिए सिविल सोसायटी को आगे आने की ज़रूरत है .
बिलकुल यही तरीक़ा बनारस के राजघाट में लोकनायक जय प्रकाश नारायण द्वारा स्थापित गांधी विद्या संस्थान को हड़पने के लिए अपनाया गया था .
विद्यालय को ग़लत हाथों में जाने से बचाने के लिए लखनऊ के नागरिक समाज की ओर से सोमवार 21 मई को सायं पॉंच बजे जी पी ओ पार्क में महात्मा गॉंधी, डा अम्बेडकर और सरदार पटेल की प्रतिमाओं के समक्ष प्रार्थना करके संकल्प लिया जायेगा .
निवेदक
प्रो. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव 9415109017
संदीप पांडेय 05224242830
नवीन तिवारी 9935008249
जय प्रकाश 9415933805
देवेन्द्र 9648081000
दुर्गा भाभी के स्कूल में क्रांतिकारी और लेखक यशपाल की स्मृति में पुस्तकालय का उद्घाटन करते प्रख्यात साहित्यकार अमृतलाल नागर।