जामिया मिल्लिया में पुलिसिया कहर, छात्र ज़ख्मी, आक्रोश

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया के छात्रों पर फिर से पुलिस का कहर टूटा है. पुलिस ने जामिया में घुसकर यूनिवर्सिटी का गेट बंद कर दिया फिर लाठीचार्ज किया. कई छात्र ज़ख्मी हुए हैं, एक की मौत की खबर भी आ रही है लेकिन मीडियाविजिल इसकी पुष्टि नहीं करता है

जामिया के चीफ प्रोक्टर ने बताया कि पुलिस बिना अनुमति कैम्पस में जबरन घुसी और स्टाफ और स्टूडेंट्स को मारा और उन्हें कैम्पस छोड़ने के लिए कहा.

जामिया के एक छात्र चन्दन कुमार जो मीडियाविजिल के लिखते रहे हैं, उन्हें पुलिस ने जमकर मारा है जिससे उनका सर फट गया है.

पुलिस ने छात्रों के साथ स्थानीय नागरिकों को भी मारा, यहां तक कि पत्रकारों को भी नहीं छोड़ा. बीबीसी पत्रकार बुशरा शेख ने कहा -“मैं बीबीसी की तरफ से जामिया कवर करने आई थी. पुलिस ने मेरा फोन छीनकर तोड़ दिया. मर्द पुलिसवाले ने मेरे बाल खींचे. पुलिस ने बैटन से मारा और मुझे गालियां दी. मैं यहां मज़े करने नहीं आई थी. मैं प्रदर्शन कवर करने आई थी.”

चन्दन ने मीडियाविजिल से फोन पर बात करते हुए बहुत धीमी आवाज में बताया कि वे लाइब्रेरी के बाथरूम में थे, पुलिस ने उन्हें वहां से निकाल कर मारा है. वे बोल पाने की स्थिति में नहीं थे।

करीब डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिस वालों ने यूनिवर्सिटी में घुसकर गेट बंद कर दिया ताकि छात्र बाहर न भाग सकें, फिर कई आंसू गैस के गोले दागे.

जब छात्र भागने लगे तो पुलिस ने अंधाधुंध लाठीचार्ज किया.

https://twitter.com/ethicalsid/status/1206192233919082497

छात्रों का आन्दोलन शांतिपूर्ण था.

खबरों के अनुसार पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के अलावा स्थानीय लोगों पर भी लाठीचार्ज किया है और आंसू गैस के गोले दागे हैं.

कुछ तस्वीरें आई हैं जिनमें बिना वर्दी के कुछ लोग भी डंडे से महिलाओं पर हमला कर रहे हैं.

https://twitter.com/RizviUzair/status/1206189484007493634

कुछ लोगों का कहना है कि छात्र शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, तभी कुछ बाहरी लोगों ने आकर बसों में आग लगा दी ताकि पुलिस को लाठीचार्ज करने का बहाना मिल जाए.

https://twitter.com/Kyrptonite2/status/1206202735088918529

छात्रों और नागरिकों में भयंकर आक्रोश के मद्देनजर अब से कुछ देर में रात नौ बजे दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन का आह्वान किया गया है।

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