पटना: IGIMS में सैलरी के लिए नर्सों का प्रदर्शन, वाइरल फीवर के फैलाव के बीच ओपीडी ठप!

पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान [Indira Gandhi Institute of Medical Sciences(IGIMS)] में वेतन न मिलने से नाराज नर्सों ने गुरुवार को हड़ताल कर दी। काम बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। नर्सों की हड़ताल से अस्पताल की सभी व्यवस्था, प्रबंध अस्त-व्यस्त हो गया। अस्पताल में इलाज करने आए मरीजों से लेकर भर्ती मरीज़ों तक को परेशानियों का सामना करना पड़ा। नर्सों के विराध पर जाने से अस्पताल की स्थिति कितनी बिगड़ गई इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि ओपीडी रुक गई। आंतरिक व्यवस्था चरमरा गई। भर्ती मरीज परेशान हो गए। ऑपरेशन शेड्यूल में गड़बड़ी की भी बात कही जा है।

नही मिल रहा अगस्त माह का वेतन..

दरअसल, नर्सों को अभी तक अगस्त माह का वेतन नहीं मिला है। संस्थान से बार-बार मांग करने के बाद भी जब उनको अपनी मेहनत की राशि नहीं मिली तो उनका गुस्सा बढ़ गया। इसके बाद गुरुवार की सुबह नर्सें काम छोड़कर नई बिल्डिंग के पास जमा हो गईं। प्रदर्शन कर रही कई नर्सों ने हाथों में पोस्टर भी लिए हुए थे। जिसके जरिए केंद्र को घेरा गया। पोस्टर पर, ”दे दी ताली और थाली, पॉकेट कर दी खाली” जैसे नारे लिखे हुए थे।

हड़ताल की चेतावनी दी थी पर..

नर्से अचानक से हड़ताल पर नही गई पहले अस्पताल की 1500 से ज्यादा कर्मियों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी। लेकिन उनकी नही सुनी गई। हड़ताल को लेकर 15 सौ से अधिक कर्मचारियों ने निदेशक को पत्र दिया था। जिसमे लिखा था अगर अगस्त का वेतन नहीं दिया गया तो वे गुरुवार से हड़ताल पर चले जाएंगे। कर्मचारियों की चेतावनी से परेशान संस्थान के निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग से अपील की थी।

उन्होंने कहा था कि यहां एक हजार से ज्यादा मरीजों की ओपीडी है और ज्यादा संख्या में मरीज भर्ती भी हो रहे हैं। वायरल फीवर के चलते ओपीडी में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में अगर कर्मचारियों की हड़ताल लंबे समय तक चली तो इलाज में काफी दिक्कत होगी और फिर पटना मेडिकल कॉलेज पर बोझ बढ़ जाएगा। अस्पताल के निदेशक डॉ. एन आर विश्वास ने पहले ही हड़ताल की आशंका में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, लेकिन विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया जिसके बाद कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।

तत्काल समाधान नहीं किया गया तो समस्या बढ़ेगी..

निदेशक डॉ. विश्वास का कहना है कि धन की कमी के कारण अभी तक कर्मचारियों का अगस्त का वेतन नहीं दिया गया है। अगर इस मामले का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो समस्या और बढ़ जाएगी। संस्थान की ओर से कर्मचारियों को मनाने की तैयारी की जा रही है। कहा जा रहा है कि वेतन जल्द आएगा, लेकिन कर्मचारियों में भारी रोष है। उनका कहना है कि 15 दिन से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। कर्ज में हैं और अब तो परिवार में भी परेशानियां आनी शुरू हो गई हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी के मौसम में स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल भारी पड़ सकती है। इस वक्त यूपी, बिहार में जिस तरह वायरल फीवर ने तबाही मचा रखी है उसमे यह हड़ताल वाकई भरी पढ़ सकती है। एक तो पहले ही स्वास्थ्य व्यवस्था बुरा हाल है। उस पर सरकारें न ही राज्य और न देश संभाल पा रही हैं। स्वस्थ कर्मियों के वेतन भी समय से नही दिया जा रहा है। कर्मियों की मांग भी जायज़ है इस मुश्किन समय में वह मरोज़ो के साथ अस्पतालों का बोझ भी उठाते है उनके भी परिवार हैं उनकी जरूरतें है तो उनके वेतन में देरी क्यों की जाती है।

First Published on:
Exit mobile version