कोलकाता में लेफ़्ट की बड़ी रैली: ‘ममता हराओ, बंगाल को BJP के सांप्रदायिक अभियान से बचाओ!’

सभा को संबोधित करते हुए सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आरएसएस-बीजेपी के सांप्रदायिक अभियान को रोकने के लिए, पहले टीएमसी को हराना होगा। उन्होने कहा कि अगर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो ममता बनर्जी एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बन सकती हैं । येचुरी ने कहा कि टीएमसी और बीजेपी की मौजूदा लड़ाई एक छद्मयुद्ध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा दल, कोरोना से लड़ने के लिए बनाये गये पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को ख़रीदेने के लिए कर रहा है।

मीडिया में पश्चिम बंगाल के चुनावी संग्राम को ममता और मोदी के बीच समटने की मीडिया की तमाम कोशिशों के बीच आज कोलकाता के ऐतिहासिक परेड ग्राउंड में लाल समुद्र नज़र आया। सीपीएम के नेतृत्व में वाममोर्चे ने एक ज़बरदस्त रैली करके बताया कि चुनावी संग्राम में उसे खारिज करना सही नहीं होगा। इस रैली को कांग्रेस और गठबंधन में नयी जुड़ी इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेताओं ने भी संबोधित किया। रैली में वाम नेताओं ने टीएमसी और बीजेपी को एक ही सिक्के के दो पहली बताते हुए कहा कि अगर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो ममता बनर्जी फिर से एनडीए के साथ जाने में हिचकेंगी नहीं.

 

रैली में प्रदेश के कोने-कोने से लेफ्ट कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था।

 

सभा को संबोधित करते हुए सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आरएसएस-बीजेपी के सांप्रदायिक अभियान को रोकने के लिए, पहले टीएमसी को हराना होगा। उन्होने कहा कि अगर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो ममता बनर्जी एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बन सकती हैं । येचुरी ने कहा कि टीएमसी और बीजेपी की मौजूदा लड़ाई एक छद्मयुद्ध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा दल, कोरोना से लड़ने के लिए बनाये गये पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को ख़रीदेने के लिए कर रहा है।

उन्होने कहा कि दिल्ली की सरहदों पर मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ अगर किसान संघर्ष कर सकते हैं तो ऐसा बंगाल मे भी किया जा सकता है। ममता बनर्जी बेरोज़गार नौजवानों के साथ वही सलूक कर रही है जैसा कि मोदी सरकार किसानों के साथ कर रही है। सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को मिलकर टीएमसी और बीजेपी को बंगाल में परास्त करने के लिए एकजुट होना चाहिए। अगर बंगाल में सांप्रदायिक राजनीति को रोक लिया गया तो देश भर में भी रोका जा सकेगा।

 

 

बंगाल सीपीएम के सचिव सूर्यकांत मिश्र ने कहा राज्य को एक विकल्प की ज़रूरत है और लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन ही प्रदेश के विकास के लिए सच्चा विकल्प हो सकता है। टीएमसी और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों सांप्रदायिक विभाजन के आधार पर सत्ता पाने की जुगत में हैं। मुख्यमंत्री और उनके कुछ मंत्रियों को छोड़कर टीएमसी के तमाम नेता बड़े पैमाने जिस तरह से बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, जो इसी की बानगी है।

इस मौके पर कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि लेफ्ट-कांग्रेस का गठबंधन टीएमसी और बीजेपी को चुनाव में हरायेगा। परेड ग्राउंड में उमड़ी भीड़ बताती है कि बंगाल का चुनाव महज़ टीएमसी और बीजेपी के बीच नहीं है।

रैली में शामिल होने आये इंडियन सेक्युलर फ्रंट आईएसएफ के नेता अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि राज्य की जनता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस चुनाव में उनके अहंकार के लिए सबक सिखायेगी। उन्होने लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन का समर्थन करते हुए कहा कि बीजेपी को बीजेपी और उसकी बी टीम टीएमसी से बेहतर सरकार मिलेगी। ममता और उनकी टीएमसी ने लोकतंत्र को ध्वस्त किया है और अराजकता को बढ़ावा दिया है जिसकी कीमत उन्हें इस चुनाव में चुकानी होगी।

रेली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत गठबंधन के तमाम नेता शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ख़राब स्वास्थ्य की वजह से रैली में शामिल नहीं हो सके।

 

 

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