लखीमपुर खीरी मामले में कांग्रेस की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू हिंसा में मारे गए पत्रकार के घर पर धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने घटना में मुख्य आरोपी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी व जांच में शामिल न होने तक भूख हड़ताल और मौन भी धारण कर लिया है। सिद्धू ने कहा कि जब तक मिश्रा जी(अजय मिश्रा टेनी) के बेटे आशीष के ऊपर कार्रवाई नहीं होती, वो जांच में शामिल नहीं होता, मैं यहां भूख हड़ताल पर बैठूंगा। इसके बाद मैं मौन हूं कोई बात नहीं करूंगा।
जब तक मिश्रा जी(अजय मिश्रा टेनी) के बेटे आशीष के ऊपर कार्रवाई नहीं होती, वो जांच में शामिल नहीं होता, मैं यहां भूख हड़ताल पर बैठूंगा। इसके बाद मैं मौन हूं कोई बात नहीं करूंगा: नवजोत सिंह सिद्धू, लखीमपुर हिंसा मामले में दिवंगत पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से मुलाकात के बाद pic.twitter.com/uXyUobSnSK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 8, 2021
पत्रकार के परिवार वालों से बात की और मौन धारण किया…
बता दें कि सिद्धू ने गुरुवार को मोहाली से लखीमपुर के लिए रवाना होते समय एलान किया था कि अगर कल तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होती है तो वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे। आज उन्होंने ऐसा ही किया और मौन भी धारण किया है। पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू शुक्रवार को लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई घटना के विरोध में लखीमपुर पहुंचे। यहां से वे घटना के दौरान मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के घर पहुंचे। उन्होंने परिवार वालों से बात की इसके बाद उन्होंने चुप्पी साध ली।
अधिकारियों ने सिद्धू को मानने की कोशिश की पर नाकाम रहे…
सिद्धू केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होने पर पत्रकार रमन कश्यप के घर धरने पर बैठ गए है। हालांकि निघासन एसडीएम ओपी गुप्ता, गोला एसडीएम अखिलेश यादव, जो पहले यहां एसडीएम थे और लखनऊ के आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार सिंह नवजोत सिंह सिद्धू को समझाने में लगे थे। लेकिन सिद्धू नही माने।
मौन से पहले कहा – मानव जीवन की भरपाई पैसे से नहीं की जा सकती
सिद्धू ने मौन से पहले कहा कि अगर रक्षक ही भक्षक हो जाए तो बेचारा गरीब आदमी किसके दरवाज़े पर दस्तक देगा? आज किसानों का आंदोलन देखा जाए तो सिस्टम से विश्वास उठ गया है। बस अब बहुत हो चुका। सिद्धू ने कहा यहां जो देखा और सुना है वह दिल दहला देने वाला है। एक जघन्य अपराध की कहानी है। पूरा भारत न्याय की गुहार लगा रहा है। मेरे लिए संविधान से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।
संविधान के जज्बे, जुमुरियत और न्याय की भावना को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। मानव जीवन की भरपाई पैसे से नहीं की जा सकती। जब मैं लवप्रीत के पिता से बात कर रहा था तो उन्होंने भी इंसाफ दिलाने की बात कही. यहां भी यही बात दोहराई गई। उन्होंने कहा कि हमें न्याय चाहिए। हमें पैसे की जरूरत नहीं है। सबूत, वीडियो, एफआईआर में नाम और गवाह हैं, फिर भी गिरफ्तारी नहीं हो रही है क्योंकि मंत्री का एक बेटा है।