#MeToo के शोर में तमिलनाडु के राज्यपाल के बारे में छापना पड़ा भारी, संपादक गिरफ़्तार

राज्यपाल प्रेस कांफ्रेंस में महिला रिपोर्टर के गाल सहलाने वाले

संजय कुमार सिंह

मीटू के शोर-शराबे में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की शिकायत पर कल तमिल साप्ताहिक “नक्कीरण” के संपादक आर गोपाल को गिरफ्तार कर लिया गया। यह खबर “द टेलीग्राफ” और “राजस्थान पत्रिका” में दिखी। पत्रिका ने तो इसे पहले पन्ने पर छापा है। गोपाल पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्रिका “नक्कीरण” में एक कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर (सुश्री) निर्मला देवी से संबंधित सेक्स स्कैंडल पर अप्रैल से लेकर अभी तक कई आलेख प्रकाशित किए हैं जो राज्यपाल की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। महिला शिक्षक पहले से पुलिस हिरासत में हैं। उनपर आरोप है कि उन्होंने कई छात्राओं से कहा था कि वे अच्छे अंकों के लिए अधिकारियों को यौन लाभ दें (एडजस्ट करें)।

वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री पी राधाकृष्णन ने दावा किया है कि राज्यपाल को सेक्स स्कैंडल में ‘फंसाने’ की ‘साजिश’ चल रही है और कई नेताओं को डर है कि पूरा सच सामने आया तो उनका कैरियर चौपट हो जाएगा। तमिलनाडु के अरुप्पूकोट्टई के देवांग आर्ट कॉलेज की महिला शिक्षक पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों को नंबर और पैसे के लिए अधिकारियों के साथ ‘एडजस्ट’ करने की सलाह दी थी। वैसे तो उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया पर उनका एक ऑडियो सामने आया जिसमें वे राज्‍यपाल पुरोहित से अपने संबंधों की बात कह रही है। इसपर विवाद हुआ तो उन्होंने इससे इनकार किया। हालांकि, सफाई देने के लिए राज्‍यपाल ने जो प्रेस कांफ्रेंस बुलाई उसमें अलग विवाद पैदा हो गया था।

आपको याद होगा कि ‘डिग्री के लिए सेक्स’ केस में महिला शिक्षक के बयान से घि‍रे बनवारी लाल पुरोहित ने प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाई थी लेकिन एक महिला पत्रकार के सवाल का जवाब देने की बजाय राज्यपाल ने उस महिला पत्रकार, लक्ष्मी सुब्रमण्यम के गाल सहला दिए, उनकी इस हरकत से महिला पत्रकार समेत वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए थे। लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने अपना दर्द ट्विटर पर भी बयां किया था। सुब्रमण्यम ने इसके साथ ही एक पत्रिका के लिए आर्टिकल भी लिखकर अपना दर्द और गु्स्सा बयान किया था। राज्यपाल की इस हरकत की भी चौतरफा निंदा हुई थी। बाद में राज्यपाल ने इस मामले में माफी मांगी थी। उन्होंने लिखा था, प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्‍म होने जा रही थी तब आपने एक सवाल पूछा था। मुझे आपका सवाल अच्‍छा लगा, इसलिए आपका उत्‍साह बढ़ाने के लिए अपनी पोती समझकर स्‍नेहवश आपके गाल को थपथपाया। राज्यपाल ने लिखा कि ऐसा स्‍नेहवश किया गया क्‍योंकि मैं भी इस पेशे से 40 साल तक जुड़ा रहा हूं। आपके मेल से मुझे पता चला कि इससे आप आहत हुईं। मैं उस घटना पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगता हूं।

राज्यपाल की माफी पर महिला पत्रकार ने कहा था कि माफी स्वीकार है, लेकिन मंशा को लेकर अभी भी शक बरकरार है। दूसरी ओर, राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की हैसियत से उन्होंने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि वे संबंधित महिला शिक्षक को नहीं जानते हैं पर गोपाल ने अपने लेखों में यह दावा किया बताते हैं कि निर्मला ने पुलिस के सामने पुरोहित को लेकर कई खुलासे किए हैं। टाइम्स नाऊ के मुताबिक, नक्कीरन पत्रिका की कवर स्टोरी में ‘सेक्स फोर कैश’ घोटाले में राज्यपाल और आरोपी निर्मला देवी की तस्वीरें छपीं हैं और कवर स्टोरी में कहा गया है कि निर्मला देवी ने सीबी सीआईडी को बताया था कि उसने चार बार राज्यपाल से मुलाकात की थी। पत्रिका ने सवाल उठाया है कि राज्यपाल को जांच का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया। टेलीग्राफ की खबर के मताबिक, वरिष्ठ पत्रकार आर गोपाल को चेन्नई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया जब वे चेन्नई जा रहे थे।

पत्रकार आर गोपाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत गिरफ्तार किया गया है जो राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि पर ऐसे हमले के लिए है जिसका मकसद उन्हें अपने किसी कानूनी अधिकार का उपयोग करने से रोकना है। इस धारा के तहत अधिकतम सजा सात साल की जेल है।

कन्नड़ अभिनेता राजकुमार को चंदन तस्कर वीरप्पन की गिरफ्त से छुड़ाने के लिए हुई बात-चीत में गोपाल ने सन 2000 में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी और तब से पत्रकारिता में वे एक अलग हस्ती है। गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उन्हें कल ही रिहा कर दिया। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित 78 साल के हैं और उनका जन्म राजस्थान के झुंझुनूं में हुआ था। हालांकि, वे महाराष्ट्र के विदर्भ जिले के जाने-माने नेता है। वे तीन बार नागपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। 1977 में राजनीति में आए। 1978 में उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर से पहला विधानसभा चुनाव जीता जबकि 1980 में दक्षिणी नागपुर से एक बार फिर विधानसभा पहुंचे। 1982 में राज्य में मंत्री भी बने। पुरोहित 1984, 1989 और 1996 में में भाजपा के टिकट पर नागपुर कंपटी से लोकसभा चुनाव जीते थे। 2017 में तमिलनाडु के राज्यपाल बने। इससे पहले वे असम के राज्यपाल थे।

 

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।



 

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