50 % से अधिक कृषि परिवार 2019 में कर्ज़ में डूबे, औसतन 74121 रुपये का लोन!

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मोदी सरकार प्रयास कर रही है। लेकिन इस प्रयास से किसान कितने खुश है इसका अंदाज़ा किसान आंदोलन में बैठे किसानों की नाराजगी से लगाया जा सकता है। कहने को किसानों की आय दोगुना करने, कर्ज़ माफ करने और आर्थिक मदद करने की बात मोदी सरकार करती है मेनिफेस्टो में भी किसानों के लिए दावे किए गए थे। मदद के तौर पर सरकार की ओर से किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) है। जिसके तहत रजिस्टर्ड किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष आर्थिक लाभ दिया जाता है। जिसमें किसानों को हर चार माह में 2000 रुपये की 3 किस्तों के रूप में कुल धनराशि दी जाती है। लेकिन क्या यह किसानों की मदद के लिए काफी है? देश के आधे से ज्यादा किसान परिवार अभी भी कर्ज़ के बोझ तले दबे हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय [national statistics office (NSO)] के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 2019 में 50% से अधिक किसान परिवार कर्ज़ में डूबे हुए थे। उन पर औसतन 74,121 रुपये का कर्ज़ था।

69.6% ऋण ही बैंकों से लिया गया..

NSO ने अपने सर्वेक्षण के अनुसार, किसानों के कुल बकाया ऋण का केवल 69.6% बैंकों, सहकारी समितियों और सरकारी एजेंसियों जैसे संस्थागत स्रोतों से लिया गया था। जबकि 20.5% कर्ज पेशेवर साहूकारों से लिया गया था।

कुल ऋण में से किस उद्देश्य के लिए कितना ऋण…

कृषि वर्ष 2018-19 में प्रति कृषि परिवार की इतनी थी मासिक आय..

किसानों को आय की बात करे तो कृषि वर्ष 2018-19 में प्रत्येक किसान परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी।

यहां से इतनी आय..

शहरी से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों ने लिया कर्ज़..

गावों और शहरी इलाकों से लिए गए कर्ज़ को देखे तो 30 जून 2018 तक, ग्रामीण क्षेत्रों के 35% परिवार और शहरी क्षेत्र के 22.4% परिवारों ने कर्ज़ लिया था।

ग्रामीण क्षेत्रों के 35% परिवारों ने ऋण लिया इसमें से…

शहरी क्षेत्र के 22.4% परिवारों ने ऋण लिया इसमें से…

देश में 9.3 करोड़ है कृषि परिवारों की संख्या..

अनुमान के अनुसार देश में कृषि परिवारों की संख्या 9.3 मिलियन है।  इसमें कोई से परिवार किस वर्ग के है वह इस प्रकार है…

First Published on:
Exit mobile version