#MeToo:कॉरपोरेट कर्मचारी ने आरोपों को निराधार बताते हुए लगा ली फांसी

मीटू अभियान में वैसे तो कई मामले सामने आए हैं और एमजे अकबर के ऊपर तो 21 महिलाओं ने यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाया है, लेकिन खुद को निर्दोष बताते हुए खुदकुशी कर लेने का यह पहला मामला है।

एक निजी बहुराष्‍ट्रीय कंपनी जेनपैक्‍ट में असिस्‍टेंट वीपी के पद पर कार्यरत व्‍यक्ति ने कंपनी की दो महिला कर्मचारियों द्वारा यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद खुदकुशी कर ली। पुरुषों द्वारा किए गए यौन उत्‍पीड़न का उद्घाटन करने के अंतरराष्‍ट्रीय अभियान मीटू के अंतर्गत जेनपैक्‍ट की दो महिला कर्मचारियों ने स्‍वरूप राज के ऊपर आरोप लगाया था। इसके बाद राज को कंपनी ने बरखास्‍त कर दिया गया था।

मंगलवार को राज ने अपनी पत्‍नी के नाम एक सुसाइड नोट लिखकर नोएडा स्थित अपने आवास पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। देर रात जब राज की पत्‍नी नौकरी से घर पहुंची तो उन्‍होंने पति को पंखे से लटका हुआ पाया। मीटू अभियान में वैसे तो कई मामले सामने आए हैं और एमजे अकबर के ऊपर तो 21 महिलाओं ने यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाया है, लेकिन खुद को निर्दोष बताते हुए खुदकुशी कर लेने का यह पहला मामला है।

इससे पहले मीटू अभियान में यौन उत्‍पीड़न के आरोपी टैलेंट मेनेजमेंट कंपनी क्‍वान के पूर्व सीईओ अनिरबन ब्‍ला ने भी खुदकुशी की कोशिश की थी लेकिन वे बाल-बाल बच गए थे।

पत्‍नी के नाम अपने सुसाइड नोट में स्‍वरूप राज ने लिखा है:

“आज मैं तुम्‍हें बताना चाहता हूं कि मैं तुम्‍हें कितना प्‍यार करता हूं। मेरे ऊपर दो महिला कर्मचारियों ने यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाया है और मेरा भरोसा करना मैं ऐसा कुछ भी नहीं किया है। मैं जानता हूं कि दुनिया ऐसे ही समझेगी लेकिन मेरे लिए ज़रूरी है कि मेरा और तुम्‍हारा परिवार मेरे ऊपर भरोसा करे। ये आरोप निराधार हैं। चूंकि पूरे जेनपैक्‍ट को इसके बारे में पता चल जाएगा इसलिए सबका सामना करने की ताकत मेरे में नहीं है।

मैं चाहता हूं कि तुम साहस ओर आत्‍मसम्‍मान के साथ अपनी जिंदगी बसर करो क्‍योंकि तुम्‍हारे पति ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है।”

स्‍वरूप

पत्र के नीचे पुनश्‍च एक पंक्ति लिखी है:

‘’मैं जा रहा हूं क्‍योकि यदि मैं निर्दोष साबित हो गया तब भी हर कोई मुझे उसी नज़र से देखेगा।‘’

स्‍वरूप राज पिछले 11 साल से जेनपैक्‍ट कंपनी में काम कर रहे थे और हाल ही में उनका ट्रांसफर गुड़गांव की शाखा में हुआ था।

First Published on:
Exit mobile version