फ्राँस के फुटबाल विजेता बनते ही ‘गर्वीली ग़ुलामी’ से झूम उठीं किरन बेदी !

 

पड्डचेरी की उपराज्यपाल किरन बेदी अपने एक ट्वीट की वजह से विवादों में घिर गई हैं। कल रात फ्राँस के फुटबाल वर्ल्ड कप विजेता बनने की ख़बर पर उन्होंने ख़ुशी जताते हुए यह भी याद दिला दिया कि पडुचेरी पहले फ्रांस का ही उपनिवेश था

उनके इस ट्वीट पर कई जवाबी ट्वीट हुए जिसमे सवाल किया गया कि क्या किरन बेदी की ग़ुलामी पसंद है ? क्या इस वजह से वे इंग्लैंड के क्रिकेट चैंपियन बनने का भी स्वागत करेंगी क्योंकि भारत पहले अंग्रेज़ो का गु़लाम था।

हालाँकि कुछ लोगों ने बचाव में यह भी लिखा है कि यह हल्के-फ़ुल्के अंदाज़ में लिखी गई बात है।

किरन बेदी कभी अन्ना के आंदोलन में कूदी थीं। लेकिन बाद में वे बीजपी में शामिल हो गईं और अरविंद केजरवील के ख़िलाफ़ बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनीं। बीजेपी की शर्मनाक हार हुई और वह तीन सीटों पर सिमट गई। बाद में किरन बेदी को पडुचेरी का उपराज्यपाल बना दिया गया।

किरन बेदी देश की पहली महिला आईपीएस बताई जाती हैं। कई लोगों का कहना है कि आज भी स्टील फ्रे़म ऑफ़ इंडिया कही जाने वाली आईएएस सेवा में अंग्रेज़ों के दौर का आी.सी.एस मिज़ाज ही भरा है।

पुडुचेरी क़रीब 280 बरस तक फ्राँस के अधीन रहा। एक तरह से यह भारतीय उपमहाद्वीप में फ्राँस का मुख्यालय था। 1954 में इसका भारतीय गणराज्य में विलय हो गया। पहले इसे पांडिचेरी कहा जाता था। 2006 में इसका नाम पुडुचेरी कर दिया गया।

 

 



 

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