26 फीसद लोगों को संक्रमित कर सकता है कोरोना, तीसरे स्टेज में तीन हफ्ता बाकी : ICMR

Courtesy CNN

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक रिसर्च पेपर जारी किया है जिसमें दिये गये अनुमान भयावह हैं. इस अध्ययन के मुताबिक भारत की कुल आबादी का 26 फीसद कोरोना से संक्रमित हो सकता है और हर 450 संक्रमित व्यक्ति पर एक की मौत हो सकती है. देश में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या अब तक 471 पहुंच चुकी है, जबकि नौ लोगों की मौत हो चुकी है.

डॉ. आर. गंगाखेडकर के मुताबिक आइसीएमआर ने कोरोना वायरस से हुए संक्रमण की जांच के लिये गणितीय मॉडलिंग पर काम किया है. इसी की रिपोर्ट सोमवार को आइसीमआर के जर्नल में प्रकाशित की गयी है. इसके आधार पर आगे की स्थिति का अन्दाजा लगाया जा सकेगा.

आइसीएमआर के इस शाेध का नाम है Prudent public health intervention strategies to control the coronavirus disease 2019 transmission in India: A mathematical model-based approach

इस शाेध के मुताबिक फरवरी से शुरू होकर अगले 200 दिनों के भीतर अकेले दिल्ली में कोरोना के लाक्षणिक मामले 15 लाख तक पहुंच सकते हैं जबकि बंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में पांच पांच लाख रह सकते हैं. शाेध में कहा गया है कि सबसे कम संभावना यह है कि दिल्ली में एक लाख और मुंबई में 40,000 लोग फरवरी के बाद अगले पचास दिनों के भीतर संक्रमित पाए जाएं.

परिषद ने आगाह किया है कि सामुदायिक संचरण, जो कि कोरोना वायरस के प्रसार का तीसरा चरण है, उसे भाैतिक दूरी बनाये रखने और आइसेलेशन से थाेड़ा थामा जा सकता है लेकिन उसे रोकना असंभव है. रिसर्च पेपर के मुताबिक तीन हफ्ते से एक महीने के भीतर ही बताया जा सकता है कि कोरोना का वायरस सामुदायिक संचरण की अवस्था में पहुंचा है या नहीं.

23 मार्च तक 19,817 व्यक्तियों पर किये गये परीक्षण के आधार पर अब तक 471 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है. कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के कारण सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि भारत में कोरोना संक्रमण सामुदायिक संचरण की गम्भीर स्थिति तक पहुंचा या नहीं. पेपर ने साफ़ कर दिया है कि इस स्टेज तक हमें पहुंचने में तीन हफ्ते लग सकते हैं.

कोरोना वायरस के सामुदायिक संचरण को लेकर अभी तक निश्चित संकेत नहीं मिले हैं, हालांकि कुछ ऐसे मामले जरूर सामने आये हैं जिनसे डर और भय का माहौल बना है.

गुजरात के सूरत में हुई 69 वर्षीय व्यक्ति और मुंबई के 63 वर्षीय हीरा व्यापारी की मौत के मामले ऐसे ही मामले हैं. इनमें से कोई भी विदेश यात्रा पर नहीं गया था.

आइसीएमआर का समूचा अध्ययन नीचे पीडीएफ फाइल में देखा जा सकता हैः

IndianJMedRes000-2769106_074131
First Published on:
Exit mobile version