अंबानी IN, एचएएल OUT! यूँ हुआ सबसे बड़ा रक्षा घोटाला : सुनिए, प्रशांत भूषण से पूरी कहानी

प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण ने लड़ाकू विमान रफ़ाल को लेकर फ्रांस और मोदी सरकार में हुई डील को भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला क़रार दिया है, जिसके सामने बोफ़ोर्स तो मूँगफली बराबर लगता है। इस वीडियो में प्रशांत भूषण ने हिंदी में डील के विविध पहलुओं के बारे में आसान भाषा में समझाया है जो सोशल मीडिया पर काफ़ी देखा जा रहा है।

इस वीडियो में प्रशांत भूषण कहते हैं–

मोदी सरकार बनने के बाद 25 मार्च 2015 को रफाल बनाने वाली कंपनी डसाल्ट के सीईओ ने एचएएल के दफ्तर में प्रेस कान्फ्रेंस की कि 126 जहाजों वाली डील फाइनल है। (यानी क़रीब 526 करोड़ रुपये प्रति विमान जैसा कि 2012 में डील हुई थी।) इसमें टेक्नोलॉजी का ट्राँस्फर करना भी शामिल है और आगे चलकर एचएएल भारत में ये विमान बनाएगी।

लेकिन उसी दिन दो कंपनियाँ रजिस्टर होती हैं.. 

  1. उद्योगपित अडानी की अडानी डिफेन्स एंड टेक्नालाजीस

     2.अनिल अंबानी की  रिलायंस डिफेंस लिमिटेड

8 अप्रैल को विदेश सचिव की प्रेस कांफ्रेंस में बताया जाता है कि सरकार पुरानी डील आगे बढ़ा रही है। 

लेकिन 10 अप्रैल को मोदी फ्रांस में पीएम को झप्पी देते हैं, और नया सौदा कर लेते हैं सिर्फ 36 हवाई जहाज का..(क़ीमत हो जाती है 1600 करोड़ प्रति विमान से ज़्यादा)

सौदे में अनिल अंबानी की कंपनी शामिल कर ली जाती है जिसे कोई अनुभव नहीं है विमान बनाने का और भारत सरकार का अनुभव संपन्न अपना उपक्रम एचएएल क़रार से बाहर कर दिया जाता है…

वीडियो पर क्लिक करके सुनिए रफ़ाल घोटाले की कहानी, प्रशांत भूषण की ज़ुबानी…

 

 

 



 

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